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जय चौधरी ने बताया, भारत के एक छोटे से गांव से सिलिकॉन वैली की ऊंचाइयों तक कैसे पहुंचे

चौधरी ने अपने उद्यमों में निजी धन लगाने के महत्व पर जोर दिया। अपनी रणनीति की तुलना उन लोगों से की जो बाहरी धन पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप अपना पैसा लगाते हैं, तो आप इससे बहुत अलग तरीके से निपटते हैं।

जय चौधरी क्लाउड सिक्योरिटी जस्केलर (Zscaler) के संस्थापक और सीईओ हैं। / Wikipedia

क्लाउड सिक्योरिटी जस्केलर (Zscaler) के संस्थापक और सीईओ जय चौधरी (65) ने अपनी यूनीक माइंडसेट को धन के प्रति एक महत्वपूर्ण फेक्टर के रूप में श्रेय दिया है, जो उन्हें एक अरबपति बनने के लिए तैयार किया है। जय चौधरी की अनुमानित कुल संपत्ति 11 बिलियन डॉलर से अधिक है। एक टीवी चैनल को हाल ही में दिए गए एक साक्षात्कार में चौधरी ने ग्रामीण भारत के एक छोटे से गांव से सिलिकॉन वैली की ऊंचाइयों तक अपनी यात्रा को साझा किया।

चौधरी ने खुलासा किया कि धन और भौतिक चीजों के प्रति उनकी लालसा की कमी ने उनकी उद्यमशीलता यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि मेरे बचपन में कभी पैसा नहीं था, इसलिए यह कभी नहीं समझा गया कि मुझे A, B और C खरीदना चाहिए। चौधरी ने कहा कि यह उन्हें वित्तीय नुकसान के डर के बिना महत्वपूर्ण जोखिम लेने की हिम्मत देता है।

1997 में चौधरी और उनकी पत्नी ज्योति ने अपनी नौकरी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने अपनी जीवन भर की बचत लगभग $500,000 एक साइबरसिक्योरिटी स्टार्टअप में सिक्योरआईटी ( SecureIT) में लगा दी। उच्च दांव के बावजूद उनकी न्यूनतम जीवनशैली और अपनी क्षमता पर उन्हें भरोसा था। उन्हें विश्वास था कि जरूरत पड़ने पर वे किसी भी परिस्थिति से उबर सकते हैं। इससे उन्हें अपने विजन को आगे बढ़ाने का साहस मिला।

चाैधरी कहते हैं कि कुछ लोग पैसे कमाते हैं और उन्हें पांच घर, नाव और हवाई जहाज खरीदने की जरूरत होती है। यह मेरे लिए सिरदर्द है। चौधरी ने कहा कि अपने सरल, केंद्रित जीवन को प्राथमिकता देने के दृष्टिकोण के कारण सिक्योरआईटी को लॉन्च होने के दो साल से भी कम समय में उन्हें सफलता मिली। इसके आधार पर दंपति ने अपने उद्यमों में निवेश करना जारी रखा। आखिरकार 2007 में लगभग $50 मिलियन के व्यक्तिगत निवेश के साथ जस्केलर लॉन्च किया। आज, जस्केलर का मूल्य लगभग $29 बिलियन है और यह क्लाउड सिक्योरिटी में अग्रणी बन गया है।

चौधरी ने अपने उद्यमों में निजी धन लगाने के महत्व पर जोर दिया। अपनी रणनीति की तुलना उन लोगों से की जो बाहरी धन पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप अपना पैसा लगाते हैं, तो आप इससे बहुत अलग तरीके से निपटते हैं। इस दृष्टिकोण ने उन्हें व्यावसायिक निर्णयों पर नियंत्रण बनाए रखने और कर्मचारियों के साथ इक्विटी साझा करने की अनुमति दी है, जिससे उनकी टीम के भीतर स्वामित्व और समर्पण की मजबूत भावना को बढ़ावा मिला है। चौधरी ने जोखिम लेने और दीर्घकालिक दृष्टिकोण बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डाला। बदलते साइबरसिक्योरिटी परिदृश्य में उनकी दूरदर्शिता ने जस्केलर को उद्योग में सबसे आगे रखा है।

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