टेक फर्म कॉरिडोर के सह-संस्थापक और पूर्व जॉर्जिया स्टेट सीनेट उम्मीदवार भारतीय मूल के नेता अश्विन रामस्वामी का मानना है कि आज के युवाओं को समाज के सभी क्षेत्रों में शक्ति मिलनी चाहिए और उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए। दुबई में इंडियासपोरा फोरम फॉर गुड के 'न्यू वॉयस' ग्रुप के सदस्य के रूप में अपने अनुभवों को साझा करते हुए रामस्वामी ने कहा, "युवाओं का भविष्य में बड़ा योगदान है। हम ही वो लोग हैं जो नेतृत्व की भूमिकाएं संभालते हैं और दुनिया में बदलाव लाते हैं।"
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वरिष्ठ नेताओं को युवाओं को सशक्त बनाना चाहिए और निर्णय प्रक्रिया में उन्हें शामिल करना चाहिए। रामस्वामी ने कहा "अगर हम अपनी अनुभव और उत्साह को जोड़ें, तो हम समाज में बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं"। वह मानते हैं कि युवा और बुजुर्गों का मिलाजुला दृष्टिकोण ही सटीक दिशा में काम कर सकता है।
रामस्वामी ने बताया कि राजनीति में अपनी यात्रा के दौरान उन्हें यह महसूस हुआ कि कई लोग 25 साल के किसी व्यक्ति को चुनाव लड़ने का अवसर देने के पक्ष में नहीं थे। लेकिन उनकी चुनावी अभियान ने यह साबित कर दिया कि उम्र नेतृत्व में कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए। "हमने यह दिखाया कि अगर आप सही तरीके से सोच रहे हैं और अपने लोगों के लिए काम कर रहे हैं, तो उम्र कोई समस्या नहीं होनी चाहिए," उन्होंने कहा।
अपने सार्वजनिक सेवा के अनुभव को साझा करते हुए रामस्वामी ने कहा कि वर्तमान में कई युवा प्रतिभाशाली लोग सरकार में काम करने के बजाय निजी क्षेत्र में जा रहे हैं। वह मानते हैं कि आजकल के युवाओं के लिए सरकार में काम करना मुश्किल हो गया है, क्योंकि राजनीति अधिक बढ़ गई है। ऐसे में, युवा अब अपनी नई कंपनियां शुरू कर रहे हैं और स्वतंत्र रूप से बदलाव लाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
रामस्वामी का मानना है कि आने वाली पीढ़ी के पास सामाजिक बदलाव लाने के लिए नए तरीके होंगे, जैसे कि स्टार्टअप्स, उद्यमिता और स्वतंत्र पहलों के जरिए। वह आशा व्यक्त करते हैं कि युवा अपनी ऊर्जा और नवाचार से देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। रामस्वामी ने कहा, "यह पीढ़ी बदलाव लाने में सक्षम है, और हमें उन्हें और अधिक अवसर देने होंगे"।
उन्होंने यह भी कहा कि युवाओं को ना केवल सशक्त बनाने की जरूरत है, बल्कि उन्हें मार्गदर्शन देने की भी आवश्यकता है। "वरिष्ठ नेताओं को अपने अनुभव को साझा करने के साथ-साथ युवाओं को प्रेरित करना चाहिए ताकि वे अपने लक्ष्यों तक पहुंच सकें"।
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