भारत में एमबीबीएस पूरी करने के बाद, मुझे वजन संबंधी कई समस्याएं हो गई थीं। कई तरह की एलर्जी का भी शिकार हो गया था। इनके लिए लगातार दवाएं लेने की जरूरत पड़ती थी।
सेहत के लिए एक होलिस्टिक अप्रोच की तलाश में मैंने योग की तरफ रुख किया। एक निजी इंस्ट्रक्टर के मार्गदर्शन में प्रैक्टिस शुरू की। इस तरह मेरे लिए एक परिवर्तनकारी यात्रा की शुरुआत हुई।
मैंने जैसे-जैसे योग की गहराइयों में प्रवेश किया, मैं योग के विभिन्न पोज़ और तकनीकों के जरिए शारीरिक और मानसिक फायदों की तरफ तेजी से मोहित होता चला गया। योग का मेरा अध्ययन श्रीभगवद गीता की शिक्षाओं से गहराई से समृद्ध हुआ। इसने मुझे दार्शनिक आधार प्रदान किया और मेरी समझ को मजबूत किया कि योग केवल एक व्यायाम नहीं है बल्कि व्यापक जीवनशैली का अभ्यास है।
समर्पित अभ्यास और योगिक सात्विक आहार का पालन करने के एक वर्ष में ही मैंने अपने अंदर शारीरिक और मानसिक कल्याण दोनों में गहरा सुधार महसूस किया। मैंने अपना वजह 48 पाउंड (22 किलोग्राम) तक घटा लिया था।
इसी दौरान मैं हेल्थकेयर एडमिनिस्ट्रेशन में अपनी पढ़ाई के लिए न्यूयॉर्क चला गया और अपनी मास्टर डिग्री पूरी की। योग और इसके चिकित्सीय क्षमताओं से प्रेरित होकर मैंने हाईपरटेंशन के मरीजों पर योग के प्रभावों पर मास्टर थीसिस पर फोकस किया।
मुझे शुरू में लगता था कि इस विषय को कितनी स्वीकार्यता मिल पाएगी, लेकिन अपने विश्वविद्यालय से मिले समर्थन और प्रोत्साहन ने मुझे सुखद आश्चर्य में डाल दिया। मेरा हौसला बढ़ा। मेरे काम को खूब प्रशंसा मिली मिली, खासकर यूनिवर्सिटी प्रेसिडेंट से। वह इतने प्रभावित थे कि उन्होंने अपने कोलेस्ट्रॉल लेवर को मैनेज करने के लिए योगाभ्यास शुरू करने की इच्छा व्यक्त कर दी।
पारंपरिक चिकित्सा से होलिस्टिक प्रैक्टिस के एकीकरण तक की यह यात्रा हेल्थकेयर के विकसित लैंडस्केप पर प्रकाश डालती है। मेरा अनुभव समग्र स्वास्थ्य एवं कल्याण को बढ़ावा देने में योग जैसे थेरेपी के महत्व को रेखांकित करता है।
मैं दूसरों की भलाई के इरादे से इस काम को जारी रखने के लिए समर्पित हूं। अगर लोग रोजाना योगाभ्यास करना शुरू करते हैं तो उन्हें अपनी सेहत बनाए रखने के लिए कम से कम दवाओं की जरूरत होगी। जिम में ज्यादा वर्कआउट भी नहीं करना होगा।
(लेखक एक हेल्थकेयर प्रोफेशनल हैं जो मेडिसिन और योग के एकीकरण से मरीजों की सेवा के लिए समर्पित हैं।)
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login