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वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर नरसिम्हा को NSF ने प्रदान किया करियर अवॉर्ड

प्रो नरसिम्हा यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मैकेनिकल एंड मैटेरियल्स इंजीनियरिंग में बेरी फैमिली असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उन्हें पांच साल के लिए करीब छह लाख डॉलर का अनुदान दिया गया है।

बोडेटी ने कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय से पीएचडी और आईआईटी खड़गपुर से बीटेक किया है। / Image – WSU

वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी (WSU) के प्रोफेसर नरसिम्हा बोडेटी को नेशनल साइंस फाउंडेशन (NSF) की तरफ से फैकल्टी अर्ली करियर डेवलपमेंट (CAREER) पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 

प्रो नरसिम्हा यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मैकेनिकल एंड मैटेरियल्स इंजीनियरिंग में बेरी फैमिली असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उन्हें पांच साल के लिए करीब छह लाख डॉलर का अनुदान दिया गया है। इसका इस्तेमाल एडवांस 3डी प्रिंटिंग तकनीक से ठोस एवं तरल पदार्थों को मिलाकर अनोखी सामग्री बनाने के बोडेटी के शोध में किया जाएगा। 

प्रोफेसर बोडेटी की रिसर्च का उद्देश्य जैविक ऊतकों के अद्वितीय गुणों की नकल करना है, जो बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और सॉफ्ट रोबोटिक्स के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है। इस शोध से तैयार मटीरियल का उपयोग रियलिस्टिक ऑर्गन मॉडल, ऊर्जा सोखने वाले ढांचों और फ्लेक्सिबल सेंसर्स में किया जा सकता है। इस मटीरियल को जैविक ऊतकों की तरह ही लचीला और मजबूत बनाया जा रहा है। इससे एडवांस हेल्थकेयर और रोबोटिक्स में काफी लाभ होगा। 

बोडेटी का विजेता प्रोजेक्ट 3डी प्रिंटिंग के जरिए ऐसा मटीरियल तैयार करता है, जो त्वचा और अन्य अंगों की तरह ही काम कर सके। शोध के अलावा प्रो. बोडेटी डब्ल्यूएसयू में मैकेनिकल इंजीनियरिंग एजुकेशन में कम्प्यूटेशनल साइंस और इंजीनियरिंग को एकीकृत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

बोडेटी ने कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय से पीएचडी और आईआईटी खड़गपुर से बीटेक किया है। 2020 में WSU में आने से पहले वह सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड डिज़ाइन में डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग एंड डिज़ाइन सेंटर में पोस्ट डॉक्टरल शोधकर्ता के रूप में कार्य कर चुके हैं।
 
एनएसएफ के इस पुरस्कार का उद्देश्य नई फैकल्टी मेंबर्स की अनुसंधान एवं शिक्षा में अकादमिक रोल मॉडल के रूप में सेवा करने की क्षमता को उभारना है। 
 
 

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