अमेरिका के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने दोहराया है कि एक सिख अमेरिकी को निशाना बनाने में भारत की संलिप्तता के आरोप दोनों देशों के बीच एक गंभीर मुद्दा है। विदेश विभाग के अधिकारी ने कानून निर्माताओं को आश्वासन दिया कि बाइडन प्रशासन इस मुद्दे को 'अविश्वसनीय रूप से गंभीरता से' देख रहा है और इस मामले को शिखर स्तर पर उठाया गया है।
चुनाव के बाद पाकिस्तान पर कांग्रेस उप समिति की सुनवाई में दक्षिण और मध्य एशिया के सहायक सचिव डोनाल्ड लू ने कहा कि वॉशिंगटन नई दिल्ली के साथ 'त्वरित और पारदर्शी तरीके से' 'न्याय सुनिश्चित करने के लिए' काम कर रहा था।
मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका और मध्य एशिया पर सदन की उप समिति में रैंकिंग सदस्य डीन फिलिप्स ने सचिव लू से पूछा था कि क्या प्रशासन अमेरिका में एक सिख अमेरिकी (गुरपतवंत सिंह पन्नू) को मारने की साजिश से जुड़े आरोपों के मद्देनजर भारत के खिलाफ प्रतिबंधों पर विचार कर रहा है।
मिनेसोटा डेमोक्रेट ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन ने हाल ही में रूसी धरती पर लेक्सी नवलनी की हत्या से संबंधित 500 से अधिक व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। तो मेरा सवाल यह है कि क्या उन लोगों के लिए भी ऐसे ही किसी प्रतिबंध या यात्रा प्रतिबंध पर विचार किया जा रहा है जिनके बारे में हमारा मानना है कि वे पन्नू की हत्या के प्रयास के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं?
इस पर सहायक सचिव लू ने प्रतिबंधों के संदर्भ के बिना कहा कि यह अमेरिका और भारत के बीच एक गंभीर मुद्दा है। न्याय विभाग ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार में काम करने वाले किसी व्यक्ति के इशारे पर एक भारतीय नागरिक ने अमेरिकी धरती पर एक अमेरिकी नागरिक को मारने का प्रयास किया। हम प्रशासन में इसे अविश्वसनीय रूप से गंभीरता से लेते हैं और इस मामलो को भारत के साथ उच्चतम स्तर पर उठाया गया है।
लू ने कहा कि हम भारत के साथ काम कर रहे हैं ताकि उसे इस भयानक अपराध के लिए ज़िम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। हम देख सकते हैं कि भारत ने स्वयं घोषणा की है कि उसने इस मामले की तहकीकात के लिए एक जांच समिति बनाई है और हम उनसे न्याय सुनिश्चित करने के लिए जल्दी और पारदर्शी तरीके से काम करने का कहते रहे हैं।
इसी के साथ लू ने साफ किया कि अमेरिका का पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को कार्यालय से बेदखल करने से कोई लेना-देना नहीं था, जिसके कारण देश में संकट पैदा हुआ। ये आरोप और साजिश की कहानी झूठ है। सरासर झूठ।
इस मामले में किसी भी बिंदु पर अमेरिकी सरकार या मुझ पर व्यक्तिगत रूप से इमरान खान के खिलाफ कदम उठाने का आरोप नहीं लगाया गया है। बैठक में शामिल दूसरे व्यक्ति (संयुक्त राज्य अमेरिका में पाकिस्तान के तत्कालीन राजदूत) ने अपनी ही सरकार को गवाही दी है कि ऐसी कोई साजिश नहीं थी। हम पाकिस्तान की संप्रभुता का सम्मान करते हैं।
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