दुबई में चल रहे संयुक्त राष्ट्र के जलवायु सम्मेलन (सीओपी-28) के मंच पर बेहद अनोखा वाकया हुआ है। भारत की 12 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ने मंच पर घुसपैठ कर दी और जीवाश्म ईंधन के विरोध में पोस्टर लहराया। मणिपुर की जलवायु कार्यकर्ता लिसिप्रिया कंगुजम ने धरती और बच्चों के भविष्य को बचाने की गुहार लगाई।
Here is the full video of my protest today disrupting the UN High Level Plenary Session of #COP28UAE. They detained me for over 30 minutes after this protest. My only crime- Asking to Phase Out Fossil Fuels, the top cause of climate crisis today. Now they kicked me out of COP28. pic.twitter.com/ToPIJ3K9zM
— Licypriya Kangujam (@LicypriyaK) December 11, 2023
बता दें कि जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए दुबई में COP28 में चर्चा हो रही है, जिसमें लगभग 200 देश इस मुद्दे को हल करने के लिए महामंथन कर रहे हैं। 60,000 से ज्यादा प्रतिनिधि इस जलवायु सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। इसी सम्मेलन के एक सत्र में भारत की लिसिप्रिया कंगुजम एक पोस्टर लेकर अचानक मंच पर आ गईं, जिस पर लिखा था- जीवाश्म ईंधन खत्म करो, हमारे ग्रह और हमारे भविष्य को बचाओ।
सुरक्षा अधिकारियों द्वारा ले जाने से पहले उसने जीवाश्म ईंधन के खिलाफ मंच पर एक छोटा सा भाषण भी दिया, जिस पर उपस्थित लोगों ने तालियां बजाईं। लिसिप्रिया ने इस घटना का वीडिया ट्वीट करते हुए लिखा कि इस विरोध प्रदर्शन के बाद मुझे 30 मिनट से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया। मेरा एकमात्र अपराध यह था कि मैंने जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए मांग उठाई, जो कि जलवायु संकट का सबसे बड़ा कारण है। उन्होंने मुझे COP28 से बाहर निकाल दिया।
एक अन्य पोस्ट में कंगुजम ने लिखा कि सरकारों को कोयला, तेल और गैस को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। आप आज जो फैसला लेंगे, वह कल हमारा भविष्य तय करेगा। हम पहले से ही जलवायु परिवर्तन के शिकार हैं। मैं नहीं चाहती कि मेरी आने वाली पीढ़ियों को फिर से वही परिणाम भुगतने पड़ें। हमारे नेताओं की नाकामी के लिए लाखों निर्दोष बच्चों के जीवन का बलिदान करना किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है।
लिसिप्रिया ने लिखा कि मेरे जैसे लाखों बच्चे जलवायु आपदाओं के कारण अपना जीवन खो रहे हैं, अपने माता-पिता को खो रहे हैं और अपने घरों को खो रहे हैं। यह वास्तविक जलवायु आपातकाल है। युद्धों में अरबों डॉलर खर्च करने के बजाय इसे रकम को भुखमरी खत्म करने, शिक्षा देने और जलवायु परिवर्तन से लड़ने पर खर्च करें। हमें सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा, पीने के लिए साफ पानी और रहने के लिए स्वच्छ ग्रह चाहिए। ये हमारे मूल अधिकार हैं। बाद में सीओपी28 के महानिदेशक माजिद अल सुवैदी ने खुद कहा कि वह लड़की के उत्साह की प्रशंसा करते हैं।
कौन हैं लिसिप्रिया कंगुजम?
2 अक्टूबर 2011 को जन्मी कंगुजम द चाइल्ड मूवमेंट की संस्थापक हैं। वह छह साल की उम्र से जलवायु संकट को लेकर सक्रिय रही है। कंगुजम विश्व स्तर पर सबसे कम उम्र के जलवायु कार्यकर्ताओं में से एक हैं। वह स्पेन के मैड्रिड में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन 2019 (COP25) में विश्व नेताओं को संबोधित भी कर चुकी हैं। कंगुजम को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिले हैं। वह वैश्विक क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग को अपनी प्रेरणा मानती हैं।
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