भारत के मशहूर दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा की विरासत को अब उनके सौतेले भाई नोएल टाटा संभालेंगे। टाटा ट्रस्ट के बोर्ड की शुक्रवार शाम हुई बैठक में सर्वसम्मति से ये फैसला लिया गया।
नोएल टाटा को रतन टाटा की जगह पर परोपकारी संस्थानों के समूह का तुरंत प्रभाव से अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया जिसका 165 अरब डॉलर के टाटा ग्रुप पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण है। रतन अपनी मृत्यु तक टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष थे। समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में इसकी लगभग 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
टाटा संस बाजार पूंजीकरण के लिहाज से भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी आईटी दिग्गज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और ब्रिटिश लक्जरी कार निर्माता जगुआर लैंड रोवर की मालिक टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों में सबसे बड़ा शेयरधारक है।
Noel Naval Tata appointed as Chairman of all the Trusts that constitute the Tata Trusts and also designated Chairman, Tata Trusts.
— Tata Trusts (@tatatrusts) October 11, 2024
Press Release: https://t.co/C09mQJbt7T pic.twitter.com/bwCsTe3Uz0
नोएल टाटा की नियुक्ति संबंधी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सर्वसम्मति से नोएल नवल टाटा को टाटा ट्रस्ट का गठन करने वाले विभिन्न ट्रस्टों का अध्यक्ष नियुक्त करने और उन्हें अध्यक्ष के रूप में नामित करने का निर्णय लिया गया है। उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।
नोएल दशकों से टाटा ग्रुप से जुड़े हैं। वह सार्वजनिक रूप से समूह के एक सफल अपैरल रिटेलर ट्रेंट के अध्यक्ष हैं। नोएल टाटा ने एक बयान में कहा कि वह इस जिम्मेदारी से बेहद सम्मानित और विनम्र महसूस कर रहे हैं और वह अपने सौतेले भाई की विरासत को आगे ले जाने के लिए उत्सुक हैं।
टाटा ट्रस्ट की स्थापना 1892 में हुई थी। टाटा ब्रांड के तहत आने वाली सूचीबद्ध कंपनियों के रोजमर्रा के कामकाज में इसकी कोई सीधी भूमिका नहीं है। टाटा संस ही समूह की रणनीति की जिम्मेदारी संभालता है। वर्तमान में अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन है, जिन्हें 2017 में नियुक्त किया गया था।
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