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घर मांगने पर कहते थे, 'पाकिस्तान चले जाओ', पर जीवन में अचानक आई खुशी

बॉबी चावला ने 22 महीने पहले एक बैंक नीलामी में घर खरीदा था। लेकिन वे गृहप्रवेश के लिए असमर्थ थे। इसकी वजह यह थी कि आरोपियों बैरी और बारबरा पोलाक ने घर छोड़ने से इनकार कर दिया था। लेकिन मीडिया में खबर छपने के बाद आरोपियों ने घर खाली कर दिया।

फाइल। Photo by Rowan Heuvel / Unsplash /

अमेरिका स्थित न्यूयॉर्क में भारतीय मूल के एक व्यक्ति बॉबी चावला के पास क्रिसमस से पहले आई एक खबर ने उनके जीवन को खुशियों से भर दिया। उनके घर पर कब्जा करने वाले लोग आखिरकार घर छोड़कर चले गए। चावला परिवार ने 22 महीने पहले एक बैंक नीलामी में यह घर खरीदा था। लेकिन बैरी और बारबरा पोलाक ने घर छोड़ने से इनकार कर दिया था। घर खाली करने की बात कहने पर आरोपी 'पाकिस्तान वापस जाने' की बात कहते थे। तमाम प्रकरण में अदालती प्रणाली का दुरुपयोग पूरी तरह से बेनकाब हुआ है।



स्थानीय मीडिया के अनुसार, बॉबी चावला ने 22 महीने पहले एक बैंक नीलामी में घर खरीदा था। लेकिन वे गृहप्रवेश के लिए असमर्थ थे। इसकी वजह यह थी कि आरोपियों बैरी और बारबरा पोलाक ने घर छोड़ने से इनकार कर दिया था। दोनों ने एक दशक से अधिक समय से अपने मकान में भुगतान नहीं किया था।

पोलाक ने सितंबर 1990 में 255,000 डॉलर में यह घर खरीदा था। हालांकि, 2006 तक उन्हें कुछ आर्थिक परेशानी हुई और उन्होंने अपने लोन का भुगतान करना बंद कर दिया। इसके अलावा, बैंक को घर पर कब्जा करने से रोकने के लिए आरोपियों की तरफ से तीन अलग-अलग अदालतों में घर में कंकाल मिलने जैसी दलीलें दी गईं। खुद को दिवालिया घोषित करने की कवायद भी हुई। इन कवायदों के परिणामस्वरूप अदालत को 17 साल के लिए उनके निष्कासन आदेश पर रोक लगा दी। इसके बाद पोलाक लगभग दो दशकों तक लोन का भुगतान किए बिना न्यूयॉर्क के घर में रहे।

2008 में आरोपी दंपति पर फोरक्लोजर के लिए मुकदमा दायर किए जाने के बाद आखिरकार घर बैंक नीलामी में समाप्त हो गया। यह मामला 11 साल तक चला। पोलाक को घर में रहने से रोकने के लिए एक संघीय दिवालियापन जज ने पिछले हफ्ते पोलाक को आगे की फाइलिंग से रोक दिया। हालांकि, तब भी अवैध रूप से कब्जा किए आरोपियों ने तब तक वहां से हटने से इनकार कर दिया जब तक कि न्यूयॉर्क पोस्ट द्वारा अदालत प्रणाली के दुरुपयोग का खुलासा नहीं किया गया।

इसके बाद खबर आई कि आरोपियों ने आखिरकार शुक्रवार को घर खाली कर दिया। चावला का कहना है कि यह चमत्कार की तरह लगता है, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि आरोपियों ने मेरा घर खाली कर दिया है। हालांकि चावला ने कहा, जज की इजाजत के बिना वे आधिकारिक रूप से घर नहीं ले सकते हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि इससे मुझे राहत का अहसास हुआ है। चावला के वकील हीथ बर्जर ने कहा कि उन्हें अदालत से जल्द इंसाफ की उम्मीद है। उन्होंने दिवालियापन अदालत में आखिरी याचिका दायर कर दी है।

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