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टैक्स, टैरिफ और आप्रवासियों के लिहाज से बेहद अहम साबित होगी ट्रम्प 2.0 सरकार

ट्रम्प की जीत का अमेरिका नीतियों खासकर व्यापार, जलवायु परिवर्तन, यूक्रेन युद्ध, टैक्स और अवैध आव्रजन पर बड़ा असर पड़ेगा। हालांकि कुछ प्रस्तावों को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस की मंजूरी की जरूरत होगी।

अमेरिका फिर से ट्रम्प सरकार की वापसी के मायने गहरे हैं। / REUTERS/Brendan McDermid/File

राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत का अमेरिका नीतियों खासकर व्यापार, जलवायु परिवर्तन, यूक्रेन युद्ध, टैक्स और अवैध आव्रजन पर बड़ा असर पड़ेगा। हालांकि कुछ प्रस्तावों को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस की मंजूरी की जरूरत होगी। आइए जानते हैं ट्रम्प अपने दूसरे कार्यकाल में किन नीतियों पर आगे बढ़ सकते हैं- 

बड़े पैमाने पर निर्वासन
ट्रम्प ने अवैध रूप से सीमा पार करके अमेरिका आने वालो को टारगेट करने की अपनी पिछली सरकार की नीतियों को फिर सख्ती से लागू करने और नए व्यापक प्रतिबंध लगाने की कसम खाई है। उन्होंने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर शरणार्थियों की संख्या को सीमित करने और अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन अभियान शुरू करने का वादा किया है। उन्होंने कहा है कि वह अपने उद्देश्य को हासिल करने के लिए नेशनल गार्ड की तैनात करेंगे और जरूरत पड़ी तो फेडरल आर्मी की भी सेवाएं ले सकते हैं। उन्होंने बड़ी संख्या में नजरबंदी कैंप स्थापित करने के भी संकेत दिए हैं। हालांकि ट्रम्प के इस प्रयास को कांग्रेस में डेमोक्रेटिक पार्टी और कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। 

आयात पर अधिक टैरिफ
ट्रम्प ने अमेरिका में आयात होने वाले सभी सामानों पर 10% या उससे ज्यादा टैरिफ लगाने का समर्थन किया है। कुछ आयातित कारों पर तो उन्होंने 200% तक टैरिफ लगाने की धमकी दी है। उनका कहना है कि इससे अमेरिका का व्यापार घाटा खत्म हो जाएगा। ट्रम्प के निशाने पर खासतौर पर चीन है। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टील और फार्मा जैसी वस्तुओं के चीन से आयात को चार साल में चरणबद्ध तरीके से खत्म करने का प्रस्ताव किया है। लेकिन आलोचकों का कहना है कि इससे अमेरिकी उपभोक्ताओं को महंगाई और दुनिया में आर्थिक अस्थिरता पैदा हो सकती है। 

टैक्स दरों में राहत
ट्रम्प ने अपने व्यापार और ऊर्जा संबंधी अपने एजेंडा को आगे बढ़ाने और संघीय नियमों को कम करने का वादा किया है। उनका कहना है कि इन नीतियों की वजह से नए रोजगार पैदा करने में अड़चन आती है। उन्होंने 2017 की अपनी व्यापक टैक्स कटौती को लागू करने का वादा किया है, जिस पर उन्होंने राष्ट्रपति रहते दस्तखत भी कर दिए थे। उनकी टीम ने लोगों के व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती पर चर्चा भी की थी। ट्रम्प ने अमेरिका में अपने उत्पाद बनाने वाली कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 21 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने का वादा किया है। उन्होंने कहा है कि वह वेटरों और अन्य सेवा श्रमिकों की मददे के लिए टिप्स और ओवरटाइम मजदूरी पर टैक्स को खत्म करने के लिए कानून लाएंगे। उन्होंने सामाजिक सुरक्षा लाभों पर टैक्स या कटौती न करने का भी वादा किया है। ट्रम्प ने यह भी कहा था कि राष्ट्रपति के रूप में वह फेडरल रिजर्व पर ब्याज दर घटाने का दबाव डालेंगे

अमेरिकी सभ्यता की रक्षा
ट्रम्प ने अमेरिकी कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में 'अमेरिकी परंपरा और पश्चिमी सभ्यता की रक्षा' करने पर जोर देने और डायवर्सिटी प्रोग्राम से छुटकारा दिलाने का भी वादा किया था। उन्होंने कहा था कि वह न्याय विभाग को नस्लीय भेदभाव करने वाले स्कूलों के खिलाफ नागरिक अधिकार मामलों को आगे बढ़ाने का भी निर्देश देंगे। ट्रम्प संघीय शिक्षा विभाग को भी खत्म करना चाहते हैं और स्कूली शिक्षा को राज्यों के अधिकार में देना चाहते हैं।

गर्भपात पर संघीय बैन नहीं
ट्रम्प ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों को नियुक्त किया था जिन्होंने गर्भपात को संवैधानिक संरक्षण देने वाले रो बनाम वेड मामले पर फैसला दिया था। उम्मीद है कि वह आगे भी ऐसे फेडरल जजों की नियुक्ति जारी रखेंगे जो गर्भपात की सीमा को बनाए रखेंगे। इसके साथ ही ट्रम्प ने कहा है कि केंद्रीय स्तर पर गर्भपात पर बैन गैरजरूरी है। इस मुद्दे को राज्य स्तर पर ही हल किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि कुछ रिपब्लिकन नेताओं द्वारा समर्थित छह सप्ताह का बैन बेहद कठोर है और इस तरह के किसी भी कानून में बलात्कार, अनाचार और मां के स्वास्थ्य जैसे अपवादों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। 

युद्ध खत्म करने का वादा
ट्रम्प रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन का सपोर्ट करने के विरोधी रहे हैं। उन्होंने एक बार कहा था कि अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं तो 24 घंटे में युद्ध खत्म कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया था कि वह इस वादे को पूरा कैसे करेंगे। उन्होंने सुझाव दिया था कि अगर शांति समझौता करना है तो यूक्रेन को अपने कुछ क्षेत्रों को छोड़ना पड़ सकता है। हालांकि यूक्रेन इस विचार को लगातार खारिज करता रहा है। ट्रम्प ने नाटो के उद्देश्य और नाटो के मिशन पर पुनर्विचार करने की भी बात कही थी। 
 

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