ड्रेक्सेल और टेम्पल यूनिवर्सिटी फैकल्टी में क्लिनिकल मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राज शाह ने हाल ही में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते 10 वर्षों में पिछले 70 वर्षों से अधिक हासिल किया है।
डॉ. शाह ने न्यू जर्सी के पिस्काटावे में न्यू इंडिया अब्रॉड के साथ बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की। डॉ. शाह ने कहा कि मोदी का अब तक का ट्रैक रिकॉर्ड बिल्कुल अद्भुत रहा है। पिछले 70 वर्षों में जो नहीं हुआ वह उन्होंने पिछले 10 वर्षों में किया है। स्मार्टकेयरडॉक के अध्यक्ष और सीईओ शाह ने कहा कि इसीलिए मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि अगले 10 वर्षों में हम विभिन्न क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि तीसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने के बाद मोदी को पहले 100 दिनों में किसे प्राथमिकता देनी चाहिए,,, शाह ने कहा- पहले 100 दिनों में कानूनी असमानताओं को खत्म करने के साथ ही उन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए जो सबको परेशान कर रहे हैं। इसी के साथ समान अवसर सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
शाह ने कहा कि उन्हें रोजगार सृजन, लोगों को गरीबी से बाहर निकालने और बुनियादी ढांचे के निर्माण में निरंतर विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की उम्मीद है। उन्हें मोदी के नेतृत्व में सभी भारतीय नागरिकों के लिए शिक्षा और अवसरों में सुधार की भी उम्मीद है।
शाह और मोदी गुजरात में एक-दूसरे के करीब पले-बढ़े
डॉ. शाह ने गुजरात में अपने गृहनगर की निकटता और पिछली बातचीत का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका मोदी के साथ व्यक्तिगत संबंध है। मैं बहुत सकारात्मक हूं क्योंकि मेरा उनसे एक विशेष संबंध है। मेरा गृहनगर मेहसाणा है जो वडनगर से केवल 20 मील दूर है। और मैं जानता हूं कि मोदीजी एक स्कूली छात्र के रूप में मेहसाणा आते थे क्योंकि यह उत्तर गुजरात के लिए आरएसएस का मुख्यालय था।
डॉ. शाह याद करते हैं कि मुझे पता है कि उन्होंने कई बार मेरे स्कूल का दौरा किया है क्योंकि हमारे पास मेरी मां के नाम पर एक कमलाबाद सामुदायिक हॉल था जहां कई समारोह हुए थे। उस समय वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
लोगों की समस्याओं को समझने के तरीके की सराहना...
डॉ. शाह कहते हैं- मोदी जानते हैं कि गरीबी क्या होती है। वह जानते हैं कि भोजन के बिना रहना क्या होता है। वह जानते हैं कि आश्रय के बिना रहना क्या होता है। और मुझे लगता है कि जब आपके पास वह व्यक्तिगत अनुभव होता है तो आप उन लोगों का दर्द जानते-समझते हैं। इसीलिए उन्होंने इस पर ध्यान केंद्रित किया और इसे पूरा किया। उन्होंने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला।
शाह ने जिक्र किया कि मोदी का बचपन बहुत चुनौतीपूर्ण था। वह गरीबी में बड़े हुए। उनकी मां एक घरेलू सेविका के रूप में काम करती थीं, जबकि उनके पिता चाय की दुकान चलाते थे।
शाह ने अपने पिता द्वारा साझा की गई एक दिल छू लेने वाली कहानी सुनाई। उन्होंने बताया गया कि कैसे मोदी के पिता की चाय की दुकान को रेलवे अधिकारियों से परेशानी का सामना करना पड़ा। अधिकारी उसे हटाना चाहते थे। पड़ोसी कांति मोदी ने शाह के पिता से मदद मांगी और उन्होंने इस मुद्दे को सुलझाने में मदद की। इससे मोदी के पिता को स्टॉल बरकरार रखने की इजाजत मिल गई।
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