कैलिफोर्निया अटॉर्नी जनरल कार्यालय के आंकड़े बताते हैं कि साल 2023 में कैलिफोर्निया में कुल 1,970 हेट क्राइम दर्ज किए गए, लेकिन मुकदमा केवल पांच पर ही चलाया गया। इससे पहले साल 2021 में जब राज्य में नफरती हिंसा काफी बढ़ गई थी, सिर्फ एक मामला ही अदालत की चौखट तक पहुंच पाया था। इन नफरती अपराधों के शिकार लोगों में अश्वेत लोग सबसे ज्यादा हैं। हालांकि यहूदी, मुस्लिम और एलजीबीटीक्यू समुदाय के सदस्य भी पूर्वाग्रह से प्रेरित हमलों में वृद्धि का सामना कर रहे हैं।
कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बोंटा का कहना है कि नफरती अपराधों को अदालत में साबित करना बेहद मुश्किल होता है। पूरे देश में अन्य प्रॉसिक्यूटर्स की भी ऐसी ही राय है। एथनिक मीडिया ब्रीफिंग ने ऐसे ही दो पीड़ित मोंथेनस रतनपकड़ी और कुनी की व्यथा सुनी। मोंथेनस के पिता को घृणा अपराध में मार दिया गया था, वहीं बारटेंडर कुनी के ऊपर हमलावरों ने गो बैक टू योर कंट्री कहते हुए पेपर स्प्रे मार दिया था। इतने के बावजूद कुनी चुप रह गई थीं क्योंकि जहां वह अपनी बेटी के साथ रहती है, हमलावर भी वहीं रहता है।
घृणा अपराध में सजा दिलाने के लिए जिन सबूतों की जरूरत होती है, अक्सर वे मिल नहीं पाते और इस तरह दोषसिद्धि की दर काफी कम हो जाती है। इसके बावजूद पैनल में शामिल सांता क्लारा काउंटी डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी एरिन वेस्ट और Stop AAPI HateWEBVTT की सह-संस्थापक मंजूषा कुलकर्णी ने जोर देकर कहा कि भले ही सजा की दर कम हो, लेकिन पीड़तों को नफरती अपराधों को रिपोर्ट जरूर करना चाहिए।
पिता पर हमला हुआ
मोंथेनस अपने 84 वर्षीय पिता विचा रतनपकडी की मौत को याद करते हुए बताते हैं कि तीन साल पहले उनके पिता अपने पोते को ज़ूम क्लास में भाग लेने के लिए छोड़कर सैन फ्रांसिस्को के अंज़ा में फोर्टुना एवेन्यू पर टहलने निकले थे। तभी 19 साल के एंटोनी वाटसन ने उन्हें जमीन पर गिरा दिया था। गिरते ही उनका सिर फुटपाथ से टकराया, फिर उन्हें कभी होश नहीं आया। अस्पताल में दो दिन रहने के बाद ब्रेन हेमरेज से उनकी मौत हो गई। ये वारदात सड़क के उस पार लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। वॉटसन को गिरफ्तार किया गया। घातक हथियार से हमला करने, बुजुर्ग से दुर्व्यवहार और हत्या का आरोप लगाया गया।
मोंथेनस ने कहा कि आरोपी जनवरी 2021 से काउंटी जेल में है। मामला को लंबा वक्त हो गया है। मेरे परिवार को लगता है कि न्याय में देरी न्याय से वंचित करने के बराबर है। जिला अटॉर्नी कार्यालय ने इस मामले में नफरती अपराध का आरोप नहीं लगाया है। वे कहते हैं कि उनके पास इसका कोई सबूत नहीं है। आमतौरप र हत्या के मामलों में 8 से 10 साल तक का समय लग सकता है। सुनवाई हर महीने होती है। लेकिन मैं हार नहीं मानूंगी।
बारटेंडर का मामला
कुनी ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि सैन फ्रांसिस्को के टेंडरलॉइन जिले में जिस बार में मैं काम करती थीं, वहीं पर मेरे ऊपर पेपर स्प्रे से हमला किया गया था। रात को बार बंद होने वाला था, तभी दो लड़कियां अंदर आईं। उन्होंने बार बंद करने का विरोध किया और झगड़ा करने लगीं। वे पूल खेलना चाहते थे। लेकिन वहां पहले से कुछ लोग खेल रहे थे। उनमें झगड़ा होने लगा। उस समय मैं टॉयलेट की सफाई कर रही थी। मैंने शोरगुल सुना तो मैंने उनसे पूछा कि क्या मैं आपकी आईडी देख सकती हूं? इसके बाद वे भड़क गईं। उन्होंने लाइट बंद कर दी। वह गुस्से में नस्लवादी कमेंट करने लगीं और मेरे ऊपर पेपर स्प्रे कर दिया।
कुनी ने आगे कहा कि उस वक्त बार में अन्य महिलाएं भी थीं लेकिन हमलावरों ने वहां मौजूद एकमात्र एशियाई महिला को ही धमकाया। पुलिस बुलाई गई लेकिन प्रॉसिक्यूटर ने कहा कि यह घृणा अपराध नहीं है। हमलावरों के खिलाफ कोई आरोप दर्ज नहीं किया गया। अभियोजक का कहना था कि आरोपी पहले ही दो बार उस पर हमले कर चुकी है। अब तीसरा हमला किया तो बहुत बुरा होगा। मुझे मेरे छोटे बच्चा का भी हवाला दिया गया। इस सबका नतीजा ये हुआ कि हमलावर को गिरफ्तार ही नहीं किया गया। इस घटना के बाद कुनी को पैनिक अटैक आने लगे क्योंकि आरोपी उन्हीं के पड़ोस में रहती थी। उन्हें सड़क पर चलने पर डर लगने लगा। उन्हें काउंसलिंग लेनी पड़ी।
क्या ये नफरती अपराध नहीं?
हेट क्राइम और हेट इंसिडेंट के बीच अंतर होता है। सांता क्लारा काउंटी की डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी एरिन वेस्ट ने बताया कि हमने अभी जो दोनों मामले सुने हैं, उनमें अपराध तो हुआ है। एक आदमी की मौत हो गई और एक महिला के ऊपर पेपर स्पेर किया गया। ये अपराध तो हैं लेकिन अगर इन घटनाओं के दौरान नस्लीय पूर्वाग्रह प्रदर्शित किया गया था और पूर्वाग्रह की वजह से अपराध करने का पर्याप्त कारण था, तभी ये नस्लीय अपराध के दायरे में आएगा।
वेस्ट ने कहा कि कुनी का मामला एक क्लासिक केस है। उनके ऊपर हमले के एक से अधिक कारण हैं। एक कारण ये कि उस महिला को कुनी का पूल खेलने से मना करना अच्छा नहीं लगा। हो सकता है कि उसने पेपर स्प्रे इसलिए किया क्योंकि वह एशियाई लोगों से नफरत करती थी। मैं समझती हूं कि घटना के बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी न होने से कुनी को कितना आघात लगा होगा। उसका पड़ोस में ही रहना और भी ज्यादा कष्टदायी है। प्रॉसिक्यूटर को इन तथ्यों को भी ध्यान में रखना होगा।
मोंथेनस के मामले को सैन फ्रांसिस्को के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी चेसा बौडिन ने जघन्य अपराध बताते हैं लेकिन उपलब्ध सबूतों के मुताबिक हमले को नस्लीय मानने से हिचकते हैं। उनका कहना था कि आरोपी उस वक्त गुस्से में था। उसने इस घटना से कुछ देर पहले एक कार पर भी हमला किया था। पब्लिक डिफेंडर अनीता नाभा का कहना था कि ट्रैफिक चेकिंग ने भी उस दिन बहुत परेशान किया था।
वेस्ट का कहना था कि घृणा अपराध को साबित करने के लिए हमें यह साबित करना होता है कि उस समय व्यक्ति की सोच क्या थी। ऐसे में इसे साबित करना मुश्किल हो सकता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसमें सजा नहीं दिलाई जा सकती।
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