तेलंगाना के आईटी मंत्री डुडिल्ला श्रीधर बाबू का कहना है कि राज्य सक्रिय रूप से सभी एनआरआई, विशेष रूप से तेलुगु मूल के लोगों को अपने क्षेत्रों और जन्मस्थानों की प्रगति में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। बाबू ने न्यू इंडिया अब्रॉड के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि हम एक मंच बनाना चाहेंगे। इसलिए एनआरआई जो लाभ अपने लोगों के साथ साझा करना चाहेंगे उन्हें उचित ऑडिट और जवाबदेही के साथ दिया जाएगा।
बाबू ने अमेरिकी सरकार से हैदराबाद में एक दूतावास स्थापित करने की अपील करने में तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पहले तेलंगाना के लोगों को अपने वीजा के लिए चेन्नई, मुंबई, दिल्ली या बेंगलुरु की यात्रा करनी पड़ती थी, लेकिन अब उन्हें स्थानीय स्तर पर वह हासिल हो जाता है।
बाबू ने अमेरिका में बड़ी संख्या में तेलुगु प्रवासियों का भी उल्लेख किया और कहा कि हम उनकी बौद्धिक संपदा के संदर्भ में और उनकी विशेषज्ञता के लिहाज से उनके योगदान की तलाश कर रहे हैं। यदि कोई धन या नकद के रूप में योगदान करना चाहता है तो वह उस क्षेत्र या उस स्थान को वापस दे सकता है जहां से वह आता है।
आर्थिक प्रगति, एआई और छूटे अवसर
कांग्रेस नेता बाबू ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य प्रशासन इस बात को लेकर स्पष्ट रहा है कि उसका अंतिम लक्ष्य तेलंगाना की आर्थिक प्रगति है। उनका इरादा पिछली सरकार की प्रगतिशील नीतियों को जारी रखने, उन्हें बढ़ाने और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए नई पहल शुरू करने का है।
बाबू ने कहा यह वह विश्वास है जिसे हम राज्य में अपने निवेशकों में पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और जो हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था के हितधारक भी बनते हैं। उन्होंने कहा, यह विश्वास न केवल हैदराबाद में, जो एक प्रमुख आर्थिक इंजन है, बल्कि पूरे राज्य में औद्योगिक विकास को गति देगा।
बाबू ने खुलासा किया कि हमारी योजना अन्य जिलों और कस्बों में हैदराबाद की सफलता को दोहराने, निवेशकों को टियर 2 और टियर 3 शहरों में परिचालन स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने और समग्र विकास दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की है।
बेंगलुरू पर हैदराबाद का पलड़ा भारी
बाबू ने कहा कि हैदराबाद किफायती जीवन और उच्च गुणवत्ता वाला जीवन प्रदान करता है, जिसमें पानी या बिजली आपूर्ति से संबंधित कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक है, विशेषकर आईटी क्षेत्र में। वर्तमान फोकस पूरे शहर में विकास को समान रूप से वितरित करने के लिए हैदराबाद के सभी चार कोनों को विकसित करने पर है। इसके अलावा योजना में एक ही क्षेत्र में संसाधनों की एकाग्रता को खत्म करने के लिए टियर-2 और टियर-3 शहरों का विकास करना शामिल है।
बाबू ने कहा कि जहां बेंगलुरु अपनी जीवन शक्ति खो रहा है वहीं हैदराबाद आगे बढ़ रहा है और उसने बेंगलुरु के अनुभव से मूल्यवान सबक सीखा है। यह सुनिश्चित करते हुए कि विकास एक क्षेत्र या शहर में केंद्रित होने के बजाय पूरे राज्य में फैला हुआ होना चाहिेए।
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