अमेरिका में भारतीय मूल के पहले सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति ने कहा कि व्हाइट हाउस में एशियाई अमेरिकी एवं प्रशांत द्वीप समूह (AAPI)समुदाय का प्रतिनिधित्व करने पर उन्हें गर्व है। पिछले कुछ वर्षों में इन्होंने जिस तरह से तरक्की की है, उससे उनका सीना चौड़ा हो जाता है।
विवेक मूर्ति ने व्हाइट हाउस इनिशिएटिव और एशियाई अमेरिकियों, मूल हवाईयन और प्रशांत द्वीप समूह (AANHPI) के लोगों पर राष्ट्रपति के सलाहकार आयोग की 25वीं वर्षगांठ के समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन AANHPI हेरिटेज मंथ के दौरान किया गया, जो अमेरिका में AAPI समुदाय के योगदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जा रहा है।
सभा को संबोधित करते हुए मूर्ति ने एएपीआई समुदाय की सामूहिक एकजुटता से एक-दूसरे की मदद करने, मजबूती प्रदान करने और समस्याओं के निदान करने की कोशिशों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मैं जब भी व्हाइट हाउस में, कांग्रेस में, प्रशासन में एएपीआई समुदाय के सदस्यों को देखता हूं तो मुझे गर्व महसूस होता है। पिछले कुछ वर्षों में समुदाय की ताकत में काफी बढ़ोतरी हुई है, ये अच्छी बात है।
विवेक मूर्ति ने सभी से एक ऐसे अमेरिका के सपने को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध रहने का आह्वान किया, जहां सभी के लिए अवसर उपलब्ध हों, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि का हो। मूर्ति ने कहा कि वे (उनके माता-पिता) चाहते थे कि उनके बच्चे एक ऐसे देश में पलें-बढें, जहां हर किसी को आगे बढ़ने का मौका मिले, जहां हमें हमारी त्वचा के रंग से न देखा जाए।
उन्होंने कहा कि हमारी पहचान इससे तय न हो कि हमारे पूर्वज कहां से आए थे या हमारी बोलचाल कैसी है। इस देश ने हमें हमारी कडी मेहनत और इंसानियत की बदौलत अवसर प्रदान किए हैं। हमें इस भावना को बनाए रखना है।
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