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अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी को लगेंगे नए पंख, USISPF की INDUS-X समिट सितंबर में

USISPF ने बताया कि इस शिखर सम्मेलन में वाशिंगटन और नई दिल्ली के शीर्ष रक्षा नीति निर्माताओं को बुलाया जाएगा ताकि डिफेंस इनोवेशन में एडवांस तकनीकी साझेदारी को बढ़ाया जा सके।

INDUS-X समिट का आयोजन 9-10 सितंबर को होगा।  /

यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम की तरफ से आगामी सितंबर में भारत-यूएस डिफेंस एक्सेलेरेशन इकोसिस्टम (INDUS-X) समिट का आयोजन किया जाएगा। यह शिखर सम्मेलन स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के गॉर्डियन नॉट सेंटर फॉर नेशनल सिक्योरिटी इनोवेशन और हूवर इंस्टीट्यूशन के साथ साझेदारी में 9-10 सितंबर को होगा। 

USISPF ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि इस शिखर सम्मेलन में वाशिंगटन और नई दिल्ली के शीर्ष रक्षा नीति निर्माताओं को बुलाया जाएगा ताकि डिफेंस इनोवेशन में एडवांस तकनीकी साझेदारी को बढ़ाया जा सके।

इस वर्ष के शिखर सम्मेलन का विषय 'क्रॉस-बॉर्डर डिफेंस इनोवेशन इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए निवेश के अवसरों का दोहन' होगा। इसमें डिफेंस इनोवेशन सेक्टर की तरक्की में निजी पूंजी की महत्वपूर्ण भूमिका पर विचार विमर्श होगा।

शिखर सम्मेलन के दौरान मुख्य भाषणों के अलावा पैनल चर्चा और गोलमेज सत्र भी होंगे जिसमें निजी और सार्वजनिक के अगुआ शामिल होंगे। ये सत्र रक्षा में उन्नत प्रौद्योगिकी साझेदारी को मजबूत करने, रक्षा नवाचार की फंडिंग और लचीली आपूर्ति श्रृंखला निर्माण जैसे विषयों पर केंद्रित होंगे। 

इस दौरान एक अत्याधुनिक प्रदर्शनी इंडस-एक्स टेक एक्सपो भी आयोजित होगी जिसमें रक्षा व एयरोस्पेस स्टार्टअप और कंपनियां अपनी अत्याधुनिक तकनीक और इनोवेशन का प्रदर्शन करेंगी। इस आयोजन में खाड़ी क्षेत्र की वेंचर कैपिटल कंपनियां, शिक्षाविद, एक्सीलरेटर्स और तकनीकी पेशेवर आदि बड़ी संख्या में शामिल होंगे।

पिछले साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन डीसी की राजकीय यात्रा के दौरान अमेरिकी रक्षा विभाग और भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इंडिया-यूएस डिफेंस एक्सीलरेशन इकोसिस्टम (INDUS-X) की शुरुआत की थी। अपने पहले ही साल में इंडस-एक्स ने इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (आईसीईटी) के तहत दोनों देशों की डिफेंस इनोवेशन ब्रिज बनाने की प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।

INDUS-X ने भारत और अमेरिका की रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनियों, निवेशकों और शोधकर्ताओं के बीच साझेदारी को बढ़ावा देकर दोनों देशों के बीच निजी क्षेत्र के सहयोग को बढ़ाया है।



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