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USISPF और साझेदारों ने मनाया हाइड्रोजन दिवस, साझा कीं अमेरिका-भारत उपलब्धियां

इस अवसर पर USISPF अध्यक्ष और सीईओ डॉ. मुकेश अघी ने हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में निजी क्षेत्र के महत्व पर चर्चा की और बताया कि कैसे टास्क फोर्स अमेरिका और भारत के बीच सहयोगात्मक नवाचार का समर्थन करती है।

वक्ताओं ने कहा कि हाइड्रोजन आर्थिकी के कारण एक लचीली, सस्ती और न्यायसंगत स्वच्छ ऊर्जा अर्थव्यवस्था संभव हो पा रही है। / USISPF

हाइड्रोजन के परमाणु भार (1.008) को प्रतिबिंबित करने के लिए प्रतिवर्ष 8 अक्टूबर को हाइड्रोजन दिवस मनाया जाता है। हाइड्रोजन दिवस के सम्मान में यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) ने सरकार और उद्योग के अपने सहयोगियों के साथ इस दिशा में दोनों देशों की प्रगति और उपलब्धियों को रेखांकित किया। उपलब्धियों का श्रेय भारत- अमेरिका हाइड्रोजन साझेदारी को दिया गया। दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत नवीन स्वच्छ ऊर्जा समाधानों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने में वैश्विक नेतृत्व के लिए सक्रिय हैं और समाधानों की उस कड़ी में हाइड्रोजन एक प्रमुख तत्व है।

USISPF की ओर से जारी बयान में कहा गया कि आज का दिन प्रगति को प्रतिबिंबित करने और हाइड्रोजन की भविष्य की संभावनाओं का जश्न मनाने का दिन है क्योंकि हम पीछे मुड़कर देखने पर हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी में नवाचार की एक लंबी यात्रा और हरित निर्माण में इसके उपयोग के लिए सभी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की सराहना करते हैं। इसके कारण एक लचीली, सस्ती और न्यायसंगत स्वच्छ ऊर्जा अर्थव्यवस्था संभव हो पा रही है। 

इस अवसर पर USISPF अध्यक्ष और सीईओ डॉ. मुकेश अघी ने हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में निजी क्षेत्र के महत्व पर चर्चा की और बताया कि कैसे टास्क फोर्स अमेरिका और भारत के बीच सहयोगात्मक नवाचार का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध अग्रदूत के रूप में उभरे हैं। रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी के माध्यम से हमने स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला, वित्तपोषण, निवेश और अनुसंधान और विकास से संबंधित सहयोग में वृद्धि देखी है।


वॉशिंगटन और नई दिल्ली दोनों का हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था और वैश्विक डीकार्बोनाइजेशन के लिए एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत के रूप में हाइड्रोजन पर जोर है। अमेरिका और भारत ने एक-दूसरे के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन का समर्थन करना अपनी प्राथमिकता में रखा है। समय के साथ सार्वजनिक-निजी क्षेत्र के सहयोग में वृद्धि और रिवर्स ट्रेड मिशन के साथ हम पर्याप्त रोजगार के अवसरों के साथ भारत में एक मजबूत हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था बनाने में सक्षम होंगे।

अमेरिकी ऊर्जा विभाग के हाइड्रोजन और ईंधन सेल प्रौद्योगिकी कार्यालय की निदेशक और नई सरकार की टास्क फोर्स की सह-अध्यक्ष डॉ. सुनीता सत्यपाल ने हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों पर अमेरिका-भारत सहयोग और वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन पर साझेदारी के असर की बात की। सत्यपाल ने कहा कि हाइड्रोजन दिवस के सम्मान में मैं अपने सहयोगियों को उनके समर्पण और नेतृत्व के लिए धन्यवाद देती हूं। 
 

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