भारत और अमेरिका के संबंधों में मजबूती के लिहाज से वर्ष 2023 ऐतिहासिक रूप से उपलब्धिपूर्ण रहा है। 2023 एक युगांतकारी वर्ष था जो वाशिंगटन डीसी में किसी भारतीय नेता की तीसरी राजकीय यात्रा का साक्षी रहा। इसके अलावा जैसे ही भारत इसरो के चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के साथ चंद्रमा पर उतरा दुनिया भारत के सम्मान में उठ खड़ी हुई और इसी वर्ष का एक महत्वपूर्ण और वैश्विक आयोजन था G20 शिखर सम्मेलन, जो भारत की राजधानी नई दिल्ली में हुआ।
वर्ष 2023 के मूल्यांकन को लेकर यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम के अध्यक्ष और सीईओ मुकेश अघी ने कहा कि नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन भारत के लिए वर्ष की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रहा और अमेरिका के लिए राष्ट्रपति बाइडन की 46वें राष्ट्रपति के रूप में पहली भारत यात्रा की दृष्टि से उल्लेखनीय रहा।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन की यात्राओं के कारण एक ठोस रणनीतिक रोडमैप और स्वच्छ ऊर्जा सहयोग, शिक्षा, अंतरिक्ष सहयोग, अर्धचालक, क्वांटम कंप्यूटिंग, ड्रोन प्रौद्योगिकी, कृत्रिम एआई जैसे बहुआयामी क्षेत्रों में नए संवाद और पहल का मार्ग प्रशस्त हुआ। भू-राजनीतिक दरारों और वैश्विक संघर्ष के समय G20 शिखर सम्मेलन में भारत की कुशल कूटनीति ने विश्व नेताओं को शांति और सुरक्षा का स्पष्ट आह्वान करते हुए देखा और संघर्ष समाधान के लिए कूटनीति को प्राथमिक उपकरण के रूप में उपयोग किया। नई दिल्ली वैश्विक समानता और ग्लोबल साउथ के लिए अधिक कूटनीतिक और समतावादी दुनिया की वकालत करने में सफल रही।
2024 में प्रवेश करते हुए भारत के पास एक साहसिक दृष्टिकोण है। भारत अब सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश है। नये वर्ष में भारत क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक है।
भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका 2023 में शुरू की गई iCET और INDUS-X जैसी पहलों के साथ महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी के नए क्षेत्रों में गहन रक्षा तालमेल बनाएंगे। ऑस्ट्रेलिया और जापान में अपने क्वाड साथियों के साथ नई दिल्ली और वाशिंगटन दोनों एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए दृढ़ रहेंगे। वाशिंगटन और नई दिल्ली ऐतिहासिक भारत-मध्य पूर्व-यूरोपीय (IMEEC) में विश्वास के नए आर्थिक गलियारे बनाने में भी सफल रहे हैं।
2024 में कदमताल के साथ वाशिंगटन और नई दिल्ली संयुक्त रूप से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और दुनिया के दो प्रमुख लोकतंत्रों के बीच संबंधों को और सुदृढ़ करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जारी रखेंगे, ऐसी आशा है।
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