यूनाइटेड स्टेट्स-इंडिया एजुकेशनल फाउंडेशन (USIEF ) ने फुलब्राइट-नेहरू और अन्य फुलब्राइट फेलोशिप के लिए अपनी वार्षिक प्रतियोगिता शुरू करने का ऐलान किया है। अमेरिकी दूतावास और भारतीय वाणिज्य दूतावास के अनुसार USIEF अब शैक्षणिक वर्ष 2025-2026 के लिए भारतीय नागरिकों से आवेदन स्वीकार कर रहा है।
फेलोशिप कार्यक्रमों को अमेरिकी विदेश विभाग और भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। इस तरह के कार्यक्रमों ने भारत और अमेरिका के छात्रों-युवाओं को अवसरों के माध्यम से एक-दूसरे के करीब लाने में मदद की है। यही नहीं ऐसे कार्यक्रमों से उनकी शैक्षणिक, अनुसंधान, शिक्षण और पेशेवर क्षमताओं में भी सुधार होता है। यह कार्यक्रम भारतीय छात्रों, विद्वानों, शिक्षकों, कलाकारों और विविध पृष्ठभूमि के पेशेवरों के लिए खुला है। वे मेजबान देश में अध्ययन, शोध और अध्यापन कर सकते हैं।
USIEF वेबसाइट के अनुसार स्कॉलर्स को एप्लीकेशन और इंटरव्यू के माध्यम से चुना जाता है। चुने गये उम्मीदवारों को वीजा हासिल करने में मदद मिलती है। फेलोशिप कार्यक्रमों के लिए चुने जाने पर स्वास्थ्य बीमा और प्री-डिपार्चर ओरिएंटेशन में भी सहायता प्राप्त हो जाती है।
फुलब्राइट-नेहरू मास्टर्स फेलोशिप के आवेदकों को अमेरिकी स्नातक की डिग्री के समकक्ष और तीन साल का पेशेवर कार्य अनुभव होना चाहिए। यह फेलोशिप स्कॉलर को J-1 वीजा सहायता, अपने शहर से अमेरिका में मेजबान संस्थान तक राउंड-ट्रिप इकोनॉमी क्लास हवाई यात्रा, ट्यूशन और फीस के लिए पैसा, रहने और उससे जुड़े खर्चे तथा अमेरिकी सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार दुर्घटना और बीमारी कवरेज प्रदान करेगी। अलबत्ता स्कॉलर के आश्रितों के लिए किसी तरह की वित्तीय सहायता नहीं जी जाती।
आवेदक अर्थशास्त्र, पर्यावरण विज्ञान, अंतर्राष्ट्रीय मामले, अंतर्राष्ट्रीय कानूनी अध्ययन, पत्रकारिता और जन संचार, सार्वजनिक प्रशासन और सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसे विशेष क्षेत्रों से संबंधित होने चाहिए। सफल उम्मीदवारों का प्लेसमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन (IIE), न्यूयॉर्क द्वारा किया जाएगा। आवेदक एक प्रतियोगिता चक्र के दौरान केवल एक फुलब्राइट-नेहरू फेलोशिप श्रेणी के लिए आवेदन कर सकते हैं। यही नहीं वे एक ही शैक्षणिक वर्ष में फुलब्राइट-नेहरू और फुलब्राइट-कलाम अनुदान के लिए भी आवेदन नहीं कर सकते।
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