आगामी 1 अप्रैल से अमेरिका का वीजा हासिल करने के ज्यादा जेब कुछ ज्यादा ढीली करनी होगी। अमेरिकी सरकार ने जिन वीजा की फीस में बढ़ोतरी की है, उनमें एच1-बी, एल-1 वीजा और ईबी-5 वीजा शामिल हैं।
कुशल पेशेवरों के एच-1बी वीजा के लिए जहां पहले 460 डॉलर चुकाने पड़ते थे, अब 1 अप्रैल से H-1B वीजा, फॉर्म I-129 के लिए आवेदन शुल्क बढ़कर 780 डॉलर हो गया है। इसके अलावा एच-1बी वीजा के लिए रजिस्ट्रेशन फीस भी 10 से 215 डॉलर तक बढ़ने जा रही है।
एच-1बी वीजा के तहत अमेरिकी कंपनियां उन पेशों के लिए विदेशी कर्मचारियों को नियुक्ति करती हैं जिनके लिए विशेष कौशल की जरूरत होती है। इसके तहत ठहरने की प्रारंभिक अवधि तीन साल है, जिसे छह साल तक बढ़ाया जा सकता है। कर्मचारियों के पास फिर से आवेदन करने का भी विकल्प होता है।
एच-1बी वीजा के लिए वार्षिक सीमा 65,000 तय की गई है। 20,000 अतिरिक्त वीजा अमेरिकी संस्थानों से मास्टर डिग्री या उच्चतर डिग्री हासिल करने वाले स्नातकों के लिए आरक्षित हैं। नियोक्ता कंपनी को इस वीजा के लिए व्यक्तियों को प्रायोजित करना होता है।
इसके साथ ही एल-1 वीजा का शुल्क 460 डॉलर से बढ़ाकर 1,385 डॉलर कर दिया गया है। एल-1 वीजा को दो उपश्रेणियों में बांटा गया है- एल-1ए और एल-1बी। एल-1ए वीजा अमेरिकी कंपनियों को अपने विदेशी दफ्तरों से अधिकारियों या मैनेजरों को अमेरिका में शिफ्ट करने या अमेरिका में नया ऑफिस खोलने के लिए कर्मचारियों को लाने की अनुमति देता है। वहीं एल-1बी वीजा उसी कंपनी के अमेरिकी ऑफिस कार्यालय में उन्नत ज्ञान वाले कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए होता है।
एच-1बी और एल-1 के अलावा ईबी-5 वीजा फीस में भी बढ़ोतरी की गई है। ईबी-5 वीजा का शुल्क 3,675 से बढ़कर 11,160 डॉलर हो जाएगा। ये वीज़ा पर्याप्त निवेश करने वाले विदेशियों को अमेरिका में रहने का रास्ता खोलता है। ईबी-5 प्रोग्राम का उद्देश्य रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
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