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भारतीय विदेश मंत्री को उम्मीद, ट्रम्प के कार्यकाल में अमेरिका से रिश्ते और मजबूत होंगे

जयशंकर ने कहा कि विदेशी प्रतिबद्धताओं को लेकर अमेरिका का रुझान बदलने की संभावना नहीं है और उन्हें उम्मीद है कि रिपब्लिकन राष्ट्रपति ट्रम्प इस संबंध में अधिक ज्यादा मुखर होंगे।

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में ट्रम्प को लेकर अपनी राय सामने रखी। / REUTERS/Issei Kato/File Photo

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि चुनाव नतीजों से विदेशी प्रतिबद्धताओं को लेकर अमेरिका का रुझान बदलने की संभावना नहीं है और उन्हें उम्मीद है कि रिपब्लिकन राष्ट्रपति ट्रम्प इस संबंध में अधिक ज्यादा मुखर होंगे। जयशंकर ने उम्मीद जताई कि अमेरिका के साथ भारत के संबंध भविष्य में और मजबूत होंगे। 

ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान जयशंकर ने अमेरिकी नीति में दीर्घकालिक प्रवृत्ति को लेकर अपनी राय सामने रखी। उन्होंने कहा कि संभवत: (राष्ट्रपति बराक) ओबामा के समय से ही अमेरिका अपनी वैश्विक प्रतिबद्धताओं को लेकर और ज्यादा सतर्क हो गया है। जयशंकर का इशारा राष्ट्रपति बाइडन के नेतृत्व में अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी और अन्य जगहों पर सैन्य तैनाती को लेकर अनिच्छा की तरफ था। 

ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के विदेश मंत्रियों के साथ एक पैनल चर्चा में जयशंकर ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प इस संदर्भ में अधिक स्पष्ट और अभिव्यक्तिपूर्ण हो सकते हैं। हालांकि अमेरिका को विशुद्ध रूप से तत्कालीन प्रशासन की विचारधारा के संदर्भ के बजाय राष्ट्रीय स्तर पर देखना महत्वपूर्ण होगा। 

जयशंकर ने आगे कहा कि अगर हम वाकई उनका विश्लेषण कर रहे हैं तो मुझे लगता है कि हमें एक ऐसी दुनिया के लिए तैयार रहना होगा, जहां उस तरह का प्रभुत्व और उदारता न रहे जो कि शुरुआती दिनों में अमेरिका के पास थी।

वहीं सिंगापुर में भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने रॉयटर्स से बातचीत में कहा कि भारत अमेरिका के साथ नीतियों में निरंतरता की उम्मीद रखता है। इसमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में परिणाम क्या हैं।

नागेश्वर ने कहा कि उन्हें लगता है कि अमेरिका के साथ रिश्तों में काफी हद तक नीतिगत निरंतरता रहेगी। हालांकि डिग्री के हिसाब से थोड़ी भिन्नता हो सकती है। उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका के साथ आर्थिक संबंध स्थिर बने रहेंगे।

याद दिला दें कि ट्रम्प ने कुछ समय पहले भारत को व्यापारिक संबंधों का बड़ा उल्लंघनकर्ता करार दिया था, हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शानदार नेता भी बताया था। डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति बाइडेन ने पिछले साल जून में पीएम मोदी के लिए रेड कार्पेट बिछाया था। 

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