शापूरजी पलोनजी नाम के बड़े भारतीय कारोबारी समूह के सलाहकार एस कुप्पुस्वामी ने हाल ही में कहा कि अफ्रीका के देश बड़े बुनियादी ढांचे वाले प्रोजेक्ट्स के लिए पैसे जुटाने के लिए भारत और अमेरिका जैसे देशों की तरफ देख रहे हैं। 'न्यू इंडिया अबॉर्ड' से बात करते हुए कुप्पुस्वामी ने अमेरिका के वित्त संस्थानों से भारत के साथ मिलकर काम करने की गुजारिश की।
कुप्पुस्वामी ने कहा कि इससे इन प्रोजेक्ट्स को जल्दी पूरा किया जा सकेगा और अफ्रीकी देशों का विश्वास फिर से हासिल किया जा सकेगा जो पहले चीन से मदद लेते थे। उन्होंने कहा कि हमारा अनुरोध है कि अमेरिका और दूसरे देशों के डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टिट्यूशन भारत के साथ मिलकर काम करें। जिससे अफ्रीका और दूसरे देशों में ऐसे बड़े प्रोजेक्ट्स जल्दी से पूरे हो सकें। इसके साथ ही हम वह भूमिका दोबारा हासिल कर सकें जो हमने पिछले बीस सालों में चीन को दे दी थी। इससे सभी को फायदा होगा।
कुप्पुस्वामी ने यह भी बताया कि भारतीय कंपनियां पहले से ही दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बंदरगाह, मंदिर और बैंक जैसे बड़े प्रोजेक्ट बना रही हैं। यह काम भारत सरकार की क्रेडिट लाइन के तहत हो रहा है। इस बिजनेस लीडर ने अबू धाबी में बने पहले हिंदू मंदिर BAPS हिंदू मंदिर का भी जिक्र किया। यह मंदिर उनकी कंपनी की विशेषज्ञता से बना है। हाल ही में इसका उद्घाटन हुआ है।
उन्होंने कहा कि आज अगर आप घाना जाएंगे, तो वहां का कोई भी राष्ट्रपति चाहे वह किसी भी पार्टी से ताल्लुक रखता हो, यह कहने में गर्व महसूस करेगा कि 'जब मैं यहां आया था, तो हम आपकी (भारत) छत के नीचे थे। मुझे बताया गया है कि जब राष्ट्रपति बराक ओबामा घाना गए थे, तो उन्हें एक प्रेजेंटेशन दिखाया गया था। इसमें कहा गया था कि इस प्रोजेक्ट को एक भारतीय कंपनी ने बनाया है। तो ये सब बातें वास्तव में भारतीय कंपनियों और भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाती हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों में पलोनजी समूह ने अफ्रीका में भी कई प्रोजेक्ट तैयार किए हैं। इनमें नाइजर में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र और घाना में राष्ट्रपति भवन शामिल हैं। भारत में उन्होंने भारत मंडपम का निर्माण किया, जहां 2023 का G20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था।
कुप्पुस्वामी ने यह भी कहा कि अफ्रीकी देश निर्माण गतिविधियों के लिए भारत को पसंद करते हैं। अगर आप गुणवत्ता की बात करें तो अफ्रीकी देश दूसरे देशों की कंपनियों की बजाय भारत की ओर ज्यादा देखते हैं। क्योंकि हम यह साबित करने में सक्षम हुए हैं कि हम दूसरे देशों की तुलना में कम लागत और बेहतर गुणवत्ता के साथ काम कर सकते हैं।
कुप्पुस्वामी ने एक सीधे सवाल के जवाब में कहा कि मुझे कहना होगा कि हम उनसे (चीन) गुणवत्ता में बहुत बेहतर और आगे हैं। हम लोगों के साथ अच्छा व्यवहार भी करते हैं। हम उन्हें सीखने का मौका भी देते हैं। हम बड़े पैमाने पर सामाजिक जिम्मेदारी की गतिविधियां करते हैं। इसलिए इन देशों में भारत और भारतीय कंपनियों को पसंद किया जाता है।
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