अमेरिका में गैर अप्रवासी वीजा के आवेदन के लिए अब जेब ज्यादा ढीली करनी होगी। सरकार ने भारतीयों में सबसे लोकप्रिय एच-1बी, एल-1 और ईबी-5 जैसे वीजा की विभिन्न श्रेणियों के शुल्क में भारी बढ़ोतरी का ऐलान किया है। कुछ फीस में तो 20 गुना तक बढ़ोतरी की गई है।
2016 के बाद यह पहला मौका है, जब फीस में इतनी ज्यादा बढ़ोतरी की जा रही है। नए नियम 1 अप्रैल से लागू होंगे। इसके बाद एच-1बी वीजा के लिए फॉर्म I-129 के आवेदन का शुल्क 460 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 780 डॉलर हो जाएगा। अगले साल से एच-1बी वीजा के रजिस्ट्रेशन के लिए 10 डॉलर के बजाय 215 डॉलर चुकाने होंगे।
फेडरल नोटिफिकेशन के मुताबिक, एल-1 वीजा की फीस 460 डॉलर से बढ़ाकर 1,385 डॉलर कर दी गई है। निवेशक वीजा के रूप में लोकप्रिय ईबी-5 वीजा के लिए अब 3,675 डॉलर के बजाय 11,160 डॉलर फीस चुकानी होगी।
होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की तरफ से जारी फेडरल नोटिफिकेशन में कहा गया है कि फीस एडजस्टमेंट और नागरिकता व आव्रजन सेवाओं (यूएससीआईएस) के फॉर्म व फीस स्ट्रक्चर में बदलाव का असर वीजा की कुल लागत, लाभ और ट्रांसफर पेमेंटस पर पड़ेगा।
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) का कहना है कि नियम में इन बदलावों इमिग्रेशन लाभ चाहने वाले लोगों को कई फायदे भी मिलेंगे। प्रशासनिक बोझ घटेगा, प्रोसेसिंग की त्रुटियां कम होंगी, न्यायिक प्रक्रिया सुधरेगी और बेहतर तरीके से सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी। कई अन्य लाभ भी होंगे।
याद दिला दें कि गैर-आप्रवासी वीजा एच-1बी वीजा अमेरिकी कंपनियों को विदेशी पेशेवरों को ऐसे विशेष क्षेत्रों में नियुक्ति की इजाजत देता है जिनमें सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है। तकनीकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को इस वीजा के तहत भर्ती करती हैं।
इसी तरह एल-1 वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है जो मल्टीनेशनल कंपनियों को विदेश में कार्यरत अपने कर्मचारियों को अस्थायी रूप से अमेरिका में काम करने के लिए बुलाने की अनुमति देता है।
1990 में शुरू किए गए ईबी-5 प्रोग्राम के तहत हाई नेटवर्थ वाले विदेशी निवेशक अमेरिका में व्यवसायों में कम से कम 5 लाख अमेरिकी डॉलर निवेश करके अपने और परिवार के लिए अमेरिकी वीजा हासिल कर सकते हैं।
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