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भारतीय छात्रों को US F-1 वीजा जारी करने में 2024 के पहले नौ महीनों में 38% गिरावट

अमेरिकी विदेश विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल जनवरी से सितंबर के बीच भारतीय छात्रों को 64,008 F-1 वीजा दिए गए जो 2023 में इसी अवधि के दौरान जारी किए गए 1,03,495 वीजा से काफी कम हैं।

सांकेतिक तस्वीर / Pixabay

संयुक्त राज्य अमेरिका ने पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 2024 के पहले नौ महीनों के दौरान भारतीय नागरिकों को जारी किए गए F-1 छात्र वीजा में 38 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की है।

अमेरिकी विदेश विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल जनवरी से सितंबर के बीच भारतीय छात्रों को 64,008 F-1 वीजा दिए गए जो 2023 में इसी अवधि के दौरान जारी किए गए 1,03,495 वीजा से काफी कम हैं। यह संख्या कथित तौर पर 2022 में जारी 93,181 से कम है और 2021 में दर्ज 65,235 से थोड़ी अधिक है। इस तरह से यह कोविड महामारी के बाद का सबसे निचला स्तर है।

F-1 वीजा, जो सालाना जारी होने वाले सभी अमेरिकी छात्र वीज़ा का 90 प्रतिशत से अधिक है, संयुक्त राज्य अमेरिका में शैक्षणिक संस्थानों में भाग लेने वाले छात्रों को जारी किया जाता है। यह गिरावट अमेरिकी उच्च शिक्षा में भारतीय छात्रों द्वारा हाल ही में हासिल की गई उपलब्धियों के बावजूद आई है।

2022-23 शैक्षणिक वर्ष में भारत ने पहली बार नए F-1 वीजा जारी करने में चीन को पीछे छोड़ दिया था। इसके अतिरिक्त ओपन डोर्स 2024 रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 शैक्षणिक वर्ष के दौरान 3,31,000 छात्रों के नामांकन के साथ भारतीय अमेरिका में सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय छात्र समूह बन गए।

हालांकि वीज़ा संख्या में गिरावट का रुझान केवल भारतीय छात्रों के लिए नहीं है। अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का दूसरा सबसे बड़ा समूह, चीनी नागरिकों को भी इसी अवधि के दौरान F-1 वीजा जारी करने में 8 प्रतिशत की कमी रिकॉर्ड की गई है। जनवरी से सितंबर 2024 तक चीनी छात्रों को 73,781 वीजा जारी किए गए जो 2023 में 80,603 जारी किये
गये थे। 

लेकिन हाल के वर्षों की तुलना में यह गिरावट महत्वपूर्ण है। 2020 में (कोविड प्रभाव के कारण) उसी समय सीमा के दौरान भारतीय छात्रों को केवल 6,646 F-1 वीजा जारी किए गए थे।

हालांकि 2024 के आंकड़े 2020 की तुलना में अधिक हैं लेकिन बाद के वर्षों में देखी गई मजबूत वृद्धि से एक उल्लेखनीय विचलन दर्शाते हैं। तब भारतीय छात्रों ने महामारी के बाद अमेरिकी विश्वविद्यालयों में अंतरराष्ट्रीय नामांकन के मामले में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की थी। 

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