अमेरिका ने भारतीय चुनाव में हस्तक्षेप के रूसी आरोपों को खारिज कर दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने 9 मई को मीडिया के समक्ष यह बात कही। मिलर ने कहा कि- नहीं, बिल्कुल नहीं। हम भारत में चुनावों में खुद को शामिल नहीं करते क्योंकि हम दुनिया में कहीं भी चुनावों में खुद को शामिल नहीं करते। यह निर्णय भारत के लोगों को करना है।
मिलर अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा के एक बयान से संबंधित एक पत्रकार के सवाल का जवाब दे रहे थे। जखारोवा ने आरोप लगाया था कि अमेरिकी धरती पर खालिस्तान समर्थक सिख नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की असफल साजिश में भारत की संलिप्तता के बारे में 'निराधार आरोप' लगाकर अमेरिका भारत में चुनाव के समय आंतरिक राजनीतिक स्थिति को असंतुलित करने की कोशिश कर रहा था।
जखारोवा ने 8 मई को मॉस्को में कहा था कि संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा नई दिल्ली के खिलाफ नियमित रूप से निराधार आरोप... हम देखते हैं कि अमेरिका न केवल भारत बल्कि कई अन्य राज्यों पर भी धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने का आधारहीन आरोप लगाता है। यह राष्ट्रीय मानसिकता, ऐतिहासिक संदर्भ के बारे में संयुक्त राज्य अमेरिका की गलतफहमी का प्रतिबिंब है। एक राष्ट्र के रूप में यह सब करना भारत का अपमान है।
इसके बाद वॉशिंगटन में मिलर ने कहा कि यह आरोप एक चल रहे कानूनी मामले का हिस्सा हैं जिसे अभी जूरी के सामने प्रस्तुत किया जाना बाकी है। वे तब तक आरोप हैं जब तक कि वे जूरी के सामने साबित नहीं हो जाते। कोई भी जा सकता है और पढ़ सकता है। मैं यहां उनसे बात नहीं करूंगा क्योंकि निश्चित रूप से यह एक चल रहा कानूनी मामला है।
इस बयानबाजी पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने दावों का खंडन करते हुए कहा था कि ये 'अटकलबाजी और अनावश्यक' थे, खासकर जब मामले में जांच चल रही थी। भारत ने पन्नू को आतंकवादी घोषित किया है।
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