अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने खुलासा किया कि इजरायल और गाजा में बढ़ते तनाव को खत्म करने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने इजरायल के पीएम नेतन्याहू के साथ बातचीत की। सुलिवन ने 18 मार्च को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि हमास का नंबर तीन मारवान इस्सा पिछले हफ्ते एक इजरायली ऑपरेशन में मारा गया था। संभव है कि बाकी टॉप नेता गहरे सुरंग नेटवर्क में छिपे हुए हैं।
चर्चा के दौरान राष्ट्रपति बाइडन ने रफाह (Rafah) में संभावित इजरायली सैन्य अभियानों के बारे में अपनी चिंता का इजहार किया। अमेरिका ने हमास को क्षेत्र में एक सुरक्षित आश्रय स्थापित करने से रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया। सुलिवन ने राष्ट्रपति बाइडन के इस आशंका के बारे में बताया कि रफाह में एक बड़ा जमीनी अभियान नागरिक हताहतों की संख्या को बढ़ा सकता है। मानवीय संकट को खराब कर सकता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इजरायल को अलग-थलग कर सकता है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका का रुख यह है कि हमास को रफाह या कहीं और सुरक्षित पनाहगाह नहीं मिलने देना चाहिए। लेकिन इस क्षेत्र में एक बड़ा ग्राउंड ऑपरेशन एक गलती होगी। इससे और अधिक निर्दोष नागरिकों की जान जाएगी। पहले से ही गंभीर मानवीय संकट और अधिक खराब हो जाएगा। गाजा में अराजकता गहराएगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इजरायल को अलग-थलग कर दिया जाएगा।
ऐसे में राष्ट्रपति बाइडन ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू से जमीनी हमले के बजाय रफाह में प्रमुख हमास तत्वों को टारगेट करने और मिस्र-गाजा सीमा को सुरक्षित करने के लिए वैकल्पिक तरीकों पर विचार करने का आग्रह किया है। इस बातचीत को सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रपति ने वाशिंगटन में सैन्य, खुफिया और मानवीय अधिकारियों से बनी एक सीनियर इंटरएजेंसी टीम भेजने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इजरायल रफाह में जो प्रमुख लक्ष्य हासिल करना चाहता है, उसे अन्य तरीकों से किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने तत्काल संघर्ष विराम के लिए चल रही बातचीत पर चर्चा की, जिसमें गाजा में हमास और अन्य आतंकवादियों द्वारा पकड़े गए बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसका उद्देश्य क्षेत्र में मानवीय सहायता बढ़ाने के लिए एक अस्थायी युद्ध विराम से अधिक स्थायी समाधान की ओर जाना है। चुनाव में रूसी राष्ट्रपति पुतिन की जीत पर एक सवाल के जवाब में सुलिवन ने कहा कि हमें यूक्रेन में युद्ध के दौरान उस वास्तविकता से निपटना पड़ा है। हम उससे निपटना जारी रखेंगे।
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