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इस अमेरिकी कंपनी ने बनाया इंडिया एडवाइजरी बोर्ड, निवेशकों को होगा फायदा

कैपस्टोन इंडिया एडवाइजरी बोर्ड में भारत के आर्थिक, राजनीतिक एवं नियामकीय ढांचे में व्यापक अनुभव रखने वाले प्रतिष्ठित पूर्व नीति निर्माता शामिल हैं। 

इस पहल का उद्देश्य भारत के जटिल नीतिगत माहौल से कंपनियों और निवेशकों को अवगत कराना है। / representative image : unsplash

वैश्विक नीति-संचालित अमेरिकी कंपनी कैपस्टोन ने कैपस्टोन इंडिया एडवाइजरी बोर्ड की स्थापना करने का ऐलान किया है। इस पहल का उद्देश्य भारत के जटिल एवं गतिशील नीतिगत माहौल के बीच अपना काम करने में कंपनियों और निवेशकों की सहायता करके कैपस्टोन की क्षमता बढ़ाना है।

कैपस्टोन निगमों और निवेशकों की स्थानीय, राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय नीति एवं नियामकीय जरूरतों को पूरा करने में सहायता करती है। कैपस्टोन इंडिया एडवाइजरी बोर्ड में भारत के आर्थिक, राजनीतिक एवं नियामकीय ढांचे में व्यापक व अद्वितीय अनुभव रखने वाले प्रतिष्ठित पूर्व नीति निर्माता शामिल हैं। 

कंपनी का कहना है कि इन नीति निर्माताओं की सामूहिक विशेषज्ञता हमारे विश्लेषकों और ग्राहकों को भारत में विकसित नीति सिस्टम को समझने और आगे बढ़ने में काफी मददगार साबित होगी। भारतीय नीतियों और उनके प्रभावों की गहरी समझ के कारण ये हमें अपने ग्राहकों को व्यापक और कार्रवाई योग्य सलाह प्रदान करने में सक्षम बनाएगी।

कंपनी का कहना है कि कैपस्टोन इंडिया एडवाइजरी बोर्ड की स्थापना करके हम अनुभवी पेशेवरों के एक प्रतिष्ठित समूह को एक साथ ला रहे हैं। इन्हें सरकार, उद्योग और ब्यूरोक्रेसी के अंदर दशकों काम करने का अनुभव है। ये हमारे ग्राहकों को भारत में अंतरराष्ट्रीय निवेश में तेजी लाने में मदद करेगा।

कंपनी के अनुसार, भारत वैश्विक व्यापार एवं नीति के एक आवश्यक क्षेत्र के तौर पर उभर रहा है। हम उनके साथ काम करने को लेकर उत्साहित हैं क्योंकि कैपस्टोन अमेरिका और यूरोप में सफलता की नई सीढियां चढ़ रही है। हम कंपनियों और निवेशकों को भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास से संबंधित नीतियों पर सलाह देंगे।

बोर्ड के सदस्यों में विश्व बैंक के पूर्व कार्यकारी निदेशक धनेंद्र कुमार, पंजाब सरकार में मुख्य सचिव रहे कर्ण सिंह,  पूर्व वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और आईएएस विश्वपति त्रिवेदी और 2016 से 2018 तक अमेरिका में भारत के राजदूत रहे नवतेज सरना शामिल हैं।  
 

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