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साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के वीसी ने इसलिए कहा, भारत से जुड़े बिना कोई ग्लोबल नहीं हो सकता

भारत के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से लाइसेंस मिलने के बाद साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय ( University of Southampton) को दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में एक कैंपस खोलने की अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाने की अनुमति मिली है।

नए कैंपस का नाम साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय दिल्ली एनसीआर होगा। / University of Southampton.

एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय ( University of Southampton) भारत में एक व्यापक कैंपस स्थापित करने के लिए भारतीय सरकार से लाइसेंस प्राप्त करने वाला ब्रिटेन का पहला विश्वविद्यालय बन गया है। भारत के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से लाइसेंस मिलने के बाद साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय को दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में एक कैंपस खोलने की अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाने की अनुमति मिली है।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस नए कैंपस का नाम साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय दिल्ली एनसीआर होगा। विश्वविद्यालय भारत में शिक्षा, अनुसंधान, नॉलेज एक्सचेंज और उद्यम गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करेगा। साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष और उप-कुलपति प्रोफेसर मार्क ई. स्मिथ ने कहा, '21 वीं सदी में कोई भी विश्वविद्यालय भारत के साथ जुड़े बिना वास्तव में वैश्विक नहीं हो सकता है। हमारा इरादा एक ऐसा परिसर स्थापित करना है जो शिक्षा, अनुसंधान, नॉलेज शेयरिंग और उद्यम में साउथेम्प्टन की विश्व स्तरीय गतिविधियों को एक साथ लाए। जिससे भारत की उभरती वैश्विक महाशक्ति की सभी प्रतिभाओं के साथ विश्वविद्यालय को सामाजिक मूल्य और आर्थिक प्रभाव प्रदान किया जा सके।'

विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय और जुड़ाव के उपाध्यक्ष प्रोफेसर एंड्रयू एथर्टन ने कहा कि साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय दिल्ली एनसीआर भारत में पहला व्यापक अंतरराष्ट्रीय कैंपस होगा। एथर्टन ने कहा, 'यह शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देगा और भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली में एक अंतरराष्ट्रीय आयाम लाएगा। इसके साथ ही यह देश में शीर्ष 100 डिग्री के लिए अध्ययन के अवसर खोलेगा।

भारत में ब्रिटिश हाई कमिश्नर लिंडी कैमरून ने इस पहल का समर्थन व्यक्त किया। कैमरून ने कहा, 'साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय का नया परिसर विश्व स्तरीय शिक्षा और इनोवेशन का केंद्र होगा। यह अधिक ब्रिटिश छात्रों को भारत में रहने और पढ़ने के अविश्वसनीय अनुभव का मौका भी देगा। इसके साथ्ह ही ब्रिटेन और भारत के बीच शैक्षिक संबंधों को मजबूत करेगा।'

ब्रिटिश काउंसिल की निदेशक एलिसन बैरेट ने भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में साझेदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, यह ऐतिहासिक विकास शिक्षा, अनुसंधान और इनोवेशन के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह हमारे विश्वास को पुष्ट करता है कि शिक्षा राष्ट्रों के बीच पुल बनाने और सांस्कृतिक समझ विकसित करने और युवा लोगों के लिए एक उज्जवल भविष्य के निर्माण के लिए एक शक्तिशाली उत्प्रेरक है।'

इससे पहले मार्च 2023 में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज ने घोषणा की थी कि डिकिन विश्वविद्यालय भारत में एक ब्रांच कैंपस स्थापित करने वाला पहला विदेशी विश्वविद्यालय होगा, जो देश के साथ डिकिन की 30 साल की साझेदारी को चिह्नित करता है।

 

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