बर्मिंघम विश्वविद्यालय ने एक विशेषज्ञ अनुसंधान और इनोवेशन सेंटर स्थापित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ समझौता किया है। इसका मकसद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से कृषि और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में चुनौतियों से निपटना है। महाराष्ट्र सरकार में उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक शैलेंद्र देवलंकर और बर्मिंघम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एडम टिकेल ने केंद्र की स्थापना पर काम शुरू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
बर्मिंघम विश्वविद्यालय की तरफ से बताया गया है कि रणनीति भागीदार अर्न्स्ट एंड यंग के साथ काम करते हुए परियोजना के शुरुआती चरण के दौरान यह समझौता तीन सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को एक साथ लाता है। इनमें कवयित्री बहिनाबाई चौधरी नॉर्थ महाराष्ट्र विश्वविद्यालय, जलगांव, सीओईपी टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, पुणे और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय शामिल हैं।
इस पहल के तहत उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग ने 'महाराष्ट्र रिस्पॉन्सिबल रिसर्च एंड इनोवेशन टास्क फोर्स' (MSRRIT) का भी गठन किया है। यह टास्क फोर्स राज्य में रिसर्च गतिविधि पर नजर रखने, रिसर्च की क्वॉलिटी में सुधार पर विचार करने और अनुसंधान करने के साथ-साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय निकायों के साथ सहयोग करने के लिए एसओपी बनाने में भूमिका निभाएगा।
कुलपति प्रोफेसर एडम टिकेल ने कहा कि बर्मिंघम विश्वविद्यालय एक ग्लोबल 'सिविक' यूनिवर्सिटी है और हम भारत में सार्थक अनुसंधान साझेदारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो एक रणनीतिक भागीदार के रूप में देश के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है।
डेटा, एआई मॉडल, तकनीकों के रचनात्मक उपयोग में भारत की उत्कृष्टता की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि हम प्रभावशाली रिसर्च के लिए महाराष्ट्र सरकार और हमारे भारतीय शैक्षणिक समकक्षों के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं, जो स्वास्थ्य देखभाल और कृषि के प्रमुख क्षेत्रों में एआई को अपनाने और उपयोग पर राज्य की नीति को आकार देने में मदद करेगा।
एडम टिकेल ने आगे कहा कि साझेदारी ज्ञान और समझ में सुधार करेगी कि कैसे एआई और डेटा विज्ञान इनोवेशन को आगे बढ़ा सकते हैं जो भारतीय समाज और व्यापक दुनिया की बेहतर सेवा कर सकता है। इस साझेदारी के तहत पीएचडी शोध के अवसर भी होंगे।
महाराष्ट्र सरकार के उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव विकास रस्तोगी ने कहा कि एआई अनुसंधान और इनोवेशन सेंटर के माध्यम से राज्य का उद्देश्य सहयोगी अनुसंधान के लिए एक नया मॉडल स्थापित करना है जो राज्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में नए समाधान विकसित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समकक्षों के साथ-साथ स्थानीय स्कॉलर्स की विशेषज्ञता का लाभ उठाता है।
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