भारत में लोकतंत्र का उत्सव यानी चुनाव शुरू हो गये हैं। इस बीच अमेरिका ने भारत में चुनाव पर्यवेक्षक भेजने से इनकार कर दिया है। इस संदर्भ में अमेरिका का कहना है कि वह आधुनिक लोकतंत्रों के मामले में ऐसा नहीं करता।
विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने 18 अप्रैल को अपने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुझे संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा कोई पर्यवेक्षक भेजने की जानकारी नहीं है। हम आम तौर पर भारत की तरह उन्नत लोकतंत्रों के मामले में ऐसा नहीं करते। पटेल ने कहा कि हम निश्चित रूप से भारत में अपने भागीदारों के साथ अपने सहयोग को गहरा और मजबूत करने के लिए उत्सुक हैं। हम बस चुनाव होने देंगे।
पटेल ने एक सवाल के जवाब में इस विचार का स्वागत किया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विश्व नेता रूस-यूक्रेन संघर्ष या गाजा युद्ध में शांति कायम करने के लिए भूमिका निभा सकते हैं। गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में भारत के प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति पुतिन को व्यक्तिगत तौर पर अहम बात कह चुके हैं, जिसको लेकर विश्व बिरादरी उनकी तारीफ कर चुकी है।
अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि रूस-यूक्रेन संदर्भ में अगर कोई देश यूक्रेन के लोगों पर रूसी आक्रामकता को रोकने के लिए अपनी आवाज का इस्तेमाल करने में रुचि रखता है तो हम निश्चित रूप से इसका स्वागत करेंगे।
पटेल ने कहा कि गाजा के वर्तमान संदर्भ में कोई भी देश जो यह मानता है कि वह हमें बंधकों की रिहाई में मदद करने, गाजा में अतिरिक्त मानवीय सहायता प्राप्त करने में मदद करने और हमास को हराने में मदद करने में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है तो उस भूमिका के लिए उस देश का निश्चित रूप से स्वागत किया जाना चाहिए।
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