अमेरिका के वॉशिंगटन में यूनाइटेड मेथोडिस्ट चर्च (UMC) के आम सम्मेलन में प्रतिनिधियों ने भारत में ईसाइयों के कथित तौर पर उत्पीड़न की निंदा करने वाले एक प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। प्रतिनिधियों ने अमेरिकी विदेश विभाग से भारत को विशेष चिंता वाले देश में नॉमिनेट करने का आह्वान किया है। UMC संयुक्त राज्य अमेरिका में दूसरे सबसे बड़े प्रोटेस्टेंट संप्रदाय के रूप में जाना जाता है। यह घरेलू स्तर पर 5 मिलियन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 10 मिलियन लोगों के प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है।
UMC के प्रस्ताव में मणिपुर में ईसाइयों के कथित तौर पर उत्पीड़न का उल्लेख किया गया है। प्रस्ताव में अमेरिकी सरकार से धार्मिक स्वतंत्रता के विशेष उल्लंघन का हवाला देते हुए उन व्यक्तियों की संपत्तियों को जब्त करने की मांग की गई है। इसके अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका में उनके प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की गई है। इसके साथ ही भारत सरकार की एजेंसियों और अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने का भी आह्वान किया गया है।
UMC का कहना है कि अगर लोगों को उनके विश्वास, उनकी अंतरात्मा और उनकी पहचान के कारण सताया जाता है। राज्य प्रायोजित हिंसा के कारण मिटाने की कोशिश की जाती है, तो हम चुप नहीं रहेंगे। UMC में सम्मानित पादरी नील क्रिस्टी फेडरेशन ऑफ इंडियन अमेरिकन क्रिश्चियन ऑर्गेनाइजेशन के कार्यकारी निदेशक भी हैं। नील का कहना है कि यह प्रस्ताव धर्म के शस्त्रीकरण के खिलाफ वकालत करने और सिस्टेमैटिक उत्पीड़न के खिलाफ मानवीय गरिमा और मानवाधिकारों की वकालत को प्राथमिकता देता है।
UMC के सपोर्ट में मुस्लिम संगठन भी सामने आया है। इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) के अध्यक्ष मोहम्मद जवाद ने कहा कि हम UMC में अपने भाइयों और बहनों की नैतिक स्पष्टता और दृष्टि की सराहना करते हैं। हिंदू राष्ट्रवादी हिंसा के खिलाफ उनका निर्णायक बयान पूरी दुनिया को एक स्पष्ट संकेत है।
UMC का कहना है कि मोदी शासन में अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं। UMC के मुताबिक दिल्ली स्थित यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम ने 2023 में ईसाइयों के खिलाफ 720 हमलों का दावा किया था। यह 2014 में 127 से काफी अधिक है। उस वक्त भारत में बीजेपी ने सत्ता संभाली थी। फेडरेशन ऑफ इंडियन अमेरिकन क्रिश्चियन ऑर्गनाइजेशन ने 2022 में 1,198 हमलों का दावा किया है, जो 2021 में 761 हमलों की संख्या से अधिक है।
UMC के सपोर्ट में पत्रकार पीटर फ्रेडरिक ने माेर्चा संभाल लिया है। पीटर का कहना है कि UMC का प्रस्ताव ऐतिहासिक है। समय की मांग है कि अमेरिका में चर्च को भारत में ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों के कथित उत्पीड़न के बारे में चिंता का इजहार करना चाहिए। पीटर के मुताबिक, अमेरिका में दूसरे सबसे बड़े प्रोटेस्टेंट संप्रदाय के रूप में UMC ने एक उदाहरण पेश किया है। आशा है कि अमेरिका में अन्य चर्च उनके नेतृत्व में ऐसा ही करेंगे।
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