संयुक्त राष्ट्र फाउंडेशन की वैश्विक नेतृत्व विकास की पहल Girl Up के तहत हाल ही में Women in Science (WiSci) साउथ एशिया STEAM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, कला व डिजाइन और गणित) कैंप का आयोजन किया गया। ये कैंप 2-8 जून तक केरल के कोच्चि में लगाया गया।
अमेरिकी विदेश विभाग के चेन्नई स्थित वैश्विक भागीदारी कार्यालय, अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास और कोच्चि के राजगिरी बिजनेस स्कूल संग साझेदारी में आयोजित इस शिविर का उद्देश्य स्टीम फील्ड की लड़कियों में नेतृत्व, कौशल निर्माण, परामर्श और नेटवर्किंग को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम के प्रमुख प्रायोजकों में कैटरपिलर फाउंडेशन, गूगल, टीई कनेक्टिविटी फाउंडेशन और यूनाइटेड एयरलाइंस शामिल रहे। ये व्यक्तिगत तौर पर आयोजित इस तरह का दूसरा कैंप था।
चेन्नई स्थित अमेरिकी कॉन्सुलेट के दूत क्रिस होजेस ने कैंप के उद्घाटन अवसर पर कहा कि अमेरिकी सरकार ने विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं को आगे लाने के लिए कई प्रयास किए हैं, इसके सफल परिणाम भी आए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, कला और गणित से संबंधित क्षेत्रों में छात्राओं को भविष्य का विशेषज्ञ चैंपियन बनाने के लिए कई भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि ये लड़कियां जरूर कामयाब होंगी।
कैंप में इंटरैक्टिव वर्कशॉप, व्यावहारिक गतिविधियां और उद्योग जगत के विशेषज्ञों के साथ चर्चा के सत्र रखे गए। सिलेबस में जलवायु विज्ञान, विमानन क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और उभरती प्रौद्योगिकियां शामिल रहीं।
वैश्विक भागीदारी के लिए अमेरिकी विदेश विभाग की विशेष प्रतिनिधि डोरोथी मैकऑलिफ ने समापन समारोह में कहा कि हमारा मानना है कि लड़कियों की शिक्षा और उनमें नेतृत्वकारी क्षमताओं के विकास में निवेश करना, उनकी पूरी क्षमता को सामने लाने और वैश्विक स्तर पर समुदायों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण है।
Girl Up की सीईओ मेलिसा किल्बी ने कैंप की सफलता पर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि यह शिविर छात्राओं को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के तेजी से विकसित हो रहे युग में कौशल और आत्मविश्वास से लैस करने की हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
गौरतलब है कि 2015 में अपनी स्थापना के बाद से WiSci STEAM कैंपों में 34 देशों की 1,100 से अधिक लड़कियों और युवा सहयोगियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है जो अपने समुदायों में सकारात्मक प्रभाव को बढ़ावा दे रही हैं।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login