ब्रिटेन के गृह मंत्री जेम्स क्लेवरली ने ब्रिटेन-भारत संबंधों को 'अच्छाई की ताकत' बताते हुए वैश्विक शांति के लिए दोनों देशों के साथ मिलकर काम करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा है कि दोनों देश संघर्ष को फैलने और दुनिया के अन्य हिस्सों को उसकी चपेट में आने से रोकने के लिए काम कर सकते हैं।
पिछले हफ्ते 24 जनवरी को बिट्रेन के संसद के उच्च सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स में इंडिया ग्लोबल फोरम के छठे सालाना ब्रिटेन-भारत संसदीय भोज में क्लेवरली ने ये बातें कहीं। इस कार्यक्रम की सह-मेजबानी ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग और लॉर्ड जितेश गढिया द्वारा की गई थी। इसमें राजनीति, व्यापार और वित्त जगत के प्रमुख हस्तियों को बुलाया गया था।
2021 की जनगणना के अनुसार लंदन में भारतीय समुदाय की जनसंख्या 7.5 प्रतिशत दर्ज की गई है। जनगणना के आंकड़ों के आधार पर मार्च 2023 में प्रकाशित रिपोर्टों में कहा गया है कि ब्रिटेन में भारतीय मूल के जातीय समुदायों में शिक्षा का स्तर बहुत ही ऊंचा है और कामकाजी पेशेवर भी हैं।
जेम्स क्लेवरली ने कहा कि भारत की बौद्धिक ताकत बहुत बड़ी है और यह लगातार बढ़ती जा रही है। चाहे वह भविष्य की संभावित महामारियों, गैर-संचारी रोगों से निपटना हो या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या फाइनेंशियल सर्विस या सस्टेनेबल खेती के अवसरों और जोखिमों से निपटना हो, मुझे ऐसे किसी भी क्षेत्र के बारे में सोचने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जहां ब्रिटेन और भारत के बीच समन्वय और सहयोग नहीं हो और विश्व कल्याण के लिए एक ताकत न बनें।
प्रमुख वैश्विक संघर्षों की पृष्ठभूमि क्लेवरली ने संघर्ष को फैलने से रोकने में साझेदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य संबंध बहुत लंबे समय से चले आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं वास्तव में आशा करता हूं कि एक साथ, उद्देश्य की ताकत का प्रदर्शन करते हुए, लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए और हमारे मूल्यों की रक्षा करने की इच्छा का प्रदर्शन करते हुए, ब्रिटेन और भारत मिलकर काम कर सकते हैं। दुनिया के अन्य हिस्सों में संघर्ष को रोक सकते हैं।
इस दौरान इंडिया ग्लोबल फोरम के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोज लाडवा ने कहा कि लोकतंत्रों को एक साथ काम करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। क्योंकि हम सभी जानते हैं कि लोकतंत्र सबसे अच्छा तब काम करता है, जब वह एक साथ काम करते हैं।
भारत के उप उच्चायुक्त सुजीत घोष ने कहा कि भारत न केवल अपने लोगों के लिए, बल्कि दुनिया के बाकी हिस्सों के लिए भी अवसर पैदा कर रहा है। घोष ने कहा कि ब्रिटेन भारत के उदय से लाभ उठाने की खास स्थिति में है।
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