भारतीय मूल के प्रोफेसर देबोपाम चक्रवर्ती को यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल फ्लोरिडा (UCF) के पेगासस प्रोफेसर-2024 सम्मान से सम्मानित किया गया है। यह विश्वविद्यालय का सर्वोच्च सम्मान है, जो उन प्रोफेसरों को दिया जाता है जिन्होंने रिसर्च में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है।
Congratulations to Dr. Debopam Chakrabarti, molecular microbiologist, renowned infectious disease expert and now UCF Pegasus Professor - UCF's highest faculty honor.
— UCF Medicine (@ourmedschool) March 29, 2024
Dr. Chakrabarti’s research focus is malaria, investigating new ways to treat malaria.https://t.co/5qA9MUPCjc pic.twitter.com/lUoB3CrZzm
कलकत्ता यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त प्रो. देबोपाम चक्रवर्ती बर्नेट स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज में डिविजन हेड हैं। उन्हें मॉलिक्यूलर माइक्रो बायोलोजी के क्षेत्र में अकादमिक अनुभव के लिए यह मान्यता प्रदान की गई है। उन्हें स्टूडेंट यूनियन, यूसीएफ के पेगासस बॉलरूम में फाउंडर्स डे फैकल्टी ऑनर्स सेलिब्रेशन में सम्मानित किया जाएगा।
पेगासस प्रोफेसरशिप ऐसे लोगों को प्रदान की जाती है जिन्होंने अपने कार्यों से वैश्विक समुदाय पर प्रभाव डाला हो। चक्रवर्ती की रिसर्च मलेरिया से संबंधित है। मलेरिया ऐसी बीमारी है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है।
चक्रवर्ती ने अपरंपरागत तरीकों से रिसर्च की और इसके लिए कवक, बैक्टीरिया, मूंगा और स्पंज आदि भी उपयोग किया। उनका शोध ऐसे मलेरिया से लड़ने में मददगार साबित हुआ है, जिस पर दवाइयों का असर नहीं होता।
चक्रवर्ती ने एक बयान में कहा कि मलेरिया के खिलाफ दवा की खोज का मेरा अभियान यूसीएफ में शुरू हुआ। इससे मलेरिया का इलाज ढूंढने में काफी मदद मिलेगी। पेगासस प्रोफेसर टाइटल के साथ चक्रवर्ती को 5,000 डॉलर की सम्मान राशि भी मिलेगी।
उनके अलावा दो अन्य प्रोफेसर थॉमस ब्रायर और दामला टर्गुट को भी इस उपाधि से सम्मानित किया गया है। ब्रायर का शोध ने पड़ोसियों को सशक्त बनाने और टर्गुट की रिसर्च स्मार्ट तकनीक की मदद से उम्र बढ़ाने से संबंधित है।
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