Login Popup Login SUBSCRIBE

ADVERTISEMENTs

भारत के गांवों में शिक्षा की अलख जगाने में जुटीं यूसी बर्कले की ये प्रोफेसर

आरती सेठी ने भारत के महाराष्ट्र में यवतमाल जिले के एक गांव में कम्युनिटी लाइब्रेरी शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस पहल ने न सिर्फ गांव को बच्चों और अन्य लोगों को तमाम पुस्तकों तक पहुंच प्रदान की है बल्कि उनमें सीखने की ललक भी पैदा की है। 

आरती सेठी ने महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में पब्लिक लाइब्रेरी से शुरुआत की है। / Image: UC Berkeley

यूसी बर्कले में एंथ्रोपोलॉजी की प्रोफेसर आरती सेठी ने ग्रामीण भारत में साक्षरता बढ़ाने के लिए एक मिशन शुरू किया है। वह एक पब्लिक लाइब्रेरी सिस्टम स्थापित करने पर काम कर रही हैं। उनका उद्देश्य ग्रामीण बच्चों को साक्षरता एवं ज्ञान तक पहुंच प्रदान करना है ताकि उनके लिए शिक्षा के द्वार खुल सकें।

भारत में अधिकतर गांवों में केंद्रीकृत राष्ट्रीय पब्लिक लाइब्रेरी की व्यवस्था नहीं है। इसकी वजह से हाशिए पर रहने वाले समुदायों की मौलिक शैक्षिक संसाधनों तक पहुंच सीमित रहती है। आरती सेठी ने इस कमी को दूर करने का बीड़ा उठाया है। 

अपने इस मकसद को पूरा करने के लिए आरती फ्री लाइब्रेरी नेटवर्क के साथ मिलकर काम कर रही हैं। फ्री लाइब्रेरी नेटवर्क के इंद्रजीत लाभे लंबे समय से आरती सेठी के सहयोगी रहे हैं। इस नेटवर्क का उद्देश्य पूरे देश में पब्लिक लाइब्रेरी का एक व्यापक बुनियादी ढांचा तैयार करना है। 

आरती सेठी ने भारत के महाराष्ट्र में यवतमाल जिले के एक गांव में कम्युनिटी लाइब्रेरी शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस पहल ने न सिर्फ गांव को बच्चों और अन्य लोगों को तमाम पुस्तकों तक पहुंच प्रदान की है बल्कि उनमें सीखने की ललक भी पैदा की है। 

सेठी के इस लाइब्रेरी प्रोजेक्ट का काफी अच्छा असर देखने को मिला है। सिर्फ दो महीने के अंदर लाइब्रेरी के 200 से ज्यादा सदस्य बन चुके हैं। इनमें मुख्य रूप से बच्चे शामिल हैं जो साक्षरता और ज्ञान हासिल करना चाहते हैं। 

आरती सेठी कहती हैं कि लाइब्रेरी में पहली बार किसी बच्चे को किताब खोलकर पढ़ते हुए देखने का आनंद ऐसा है, जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता। एक लाइब्रेरी सिर्फ पढ़ने की जगह नहीं होती बल्कि यह अनेकों संभावनाओं की दुनिया के लिए दरवाजे खोलती है। 

सेठी ने कहा कि बच्चों को उनकी कल्पनाओं को उड़ान भरते हुए देखना मेरे दिल को छू जाता है। ये बच्चे भले ही  मध्य भारत के एक छोटे से गांव में रहते हैं, लेकिन लाइब्रेरी में किताबों के माध्यम से पूरी दुनिया के द्वार उनके लिए खुल जाते हैं। 
 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related