क्लिनिकल-स्टेज इम्यूनोलॉजी कंपनी ज़ूरा बायो लिमिटेड ने ऑटोइम्यून और इन्फ्लेमेटरी बीमारियों से संबंधित अनुसंधान एवं विकास के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए एक वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड (SAB) के गठन की घोषणा की है।
ज़ूरा बायो के इस बोर्ड में रुमेटोलॉजी, डर्मेटोलॉजी और इम्यूनोलॉजी से जुड़े पांच प्रतिष्ठित विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। इन विशेषज्ञों में भारतीय-अमेरिकी डॉ दिनेश खन्ना और डॉ अजय निरूला भी शामिल हैं।
डॉ दिनेश खन्ना मिशिगन स्क्लेरोडर्मा प्रोग्राम यूनिवर्सिटी के निदेशक और मेडिसिन के प्रोफेसर हैं। वह स्क्लेरोडर्मा और संबंधित बीमारियों से संबंधित टीम को भी लीड करते हैं। उनका शोध स्क्लेरोडर्मा के इलाज में काम आने वाले क्लिनिकल ट्रायल्स पर केंद्रित है।
डॉ. खन्ना ने यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज से एमडी किया है। उन्होंने यूसीएलए में क्लिनिकल रिसर्च में क्लिनिकल एंड रिसर्च रुमेटोलॉजी फेलोशिप के साथ क्लिनिकल रिसर्च में एमएससी भी की है।
वहीं डॉ अजय निरुला रेक्लूडिक्स फार्मा में एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट हैं और अनुसंधान एवं विकास विभाग के प्रमुख हैं। इससे पहले वह एली लिली एंड कंपनी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष और इम्यूनोलॉजी थेरेपेटिक के प्रमुख थे।
निरुला एमजेन और बायोजेन आइडेक में नेतृत्वकारी भूमिका निभा चुके हैं। उन्होंने यूसी बर्कले से मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में स्नातक की डिग्री ली है। उसके बाद कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजिल्स (यूसीएलए) स्कूल ऑफ मेडिसिन से मेडिकल डिग्री और टेक्सास साउथवेस्टर्न मेडिकल स्कूल विश्वविद्यालय से पीएचडी भी कर रखी है।
ज़ुरा बायो में ट्रांसलेशनल मेडिसिन के प्रमुख माइकल हॉवेल ने कहा कि हम साइंटिफिक एडवाइजरी बोर्ड में इन सभी सलाहकारों का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि इनकी विशेषज्ञता संबंधित क्षेत्रों में रोगों को समझने और उनसे निपटने में हमारी समझ को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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