ब्राजील के रियो डी जनेरियो में हाल ही में समाप्त हुए जी 20 शिखर सम्मेलन में भारतीय और कनाडाई प्रधानमंत्रियों द्वारा जाहिर की गई खुशियां भी शायद कभी मित्र रहे राष्ट्रों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में बढ़ती कड़वाहट को कम करने वाली साबित नहीं हुई हैँ। बल्कि नई दिल्ली और ओटावा के बीच की खाई और बढ़ गई है। इसलिए कि कनाडा ने अपने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों से भारत की यात्रा करने वाले हवाई यात्रियों के लिए सुरक्षा उपायों को कड़ा करने की घोषणा की है।
कनाडा की संघीय परिवहन मंत्री अनीता आनंद ने कथित तौर पर दोनों देशों के बीच आवागमन को 'सुरक्षित' बनाने के लिए कई उपायों की घोषणा की है। अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता का हवाला देते हुए वह कहती हैं कि नए उपाय तुरंत प्रभावी हो गए हैं लिहाजा अब अतिरिक्त सुरक्षा प्रोटोकॉल पेश किए जाने के कारण असुविधा और देरी हो सकती है।
कनाडा से भारत के लिए उड़ानें संचालित करने वाले सभी हवाई वाहकों को सलाह दी गई है और कहा गया है कि वे अतिरिक्त सुरक्षा जांच उपायों का पालन करें। अनीता आनंद ने एक बयान में कहा कि इन उपायों के लागू रहने के दौरान यात्रियों को स्क्रीनिंग में कुछ देरी हो सकती है।
यह पहली बार नहीं है जब भारत की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए उन्नत सुरक्षा प्रोटोकॉल पेश किया गया है। पिछले साल जब सिख फॉर जस्टिस ने सिखों से एयर इंडिया की उड़ानों का बहिष्कार करने का आह्वान किया था तो एयर इंडिया और कैनेडियन एयर ट्रांसपोर्ट सिक्योरिटी अथॉरिटी (CATSA) ने धमकी को गंभीरता से लिया और भारत जाने वाली उड़ानों में यात्रियों की बहु-स्तरीय स्क्रीनिंग शुरू की।
नवीनतम घोषणा के अनुसार CATSA सामान और यात्रियों दोनों की अतिरिक्त जांच करेगा। नए उपायों में कैरी-ऑन सामान की एक्स-रे स्क्रीनिंग, यात्रियों का शारीरिक निरीक्षण और हवाई यात्रियों के कपड़ों में प्रतिबंधित पदार्थों के निशान का पता लगाने के लिए हैंडहेल्ड स्वैब का उपयोग बढ़ाना शामिल होगा।
विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल में वृद्धि हाल की घटनाओं के कारण जरूरी हो गई है। विमान में 'बम' की धमकियों के कारण भी सुरक्षा और जांच बढ़ाई गई है। इसने विमानन सुरक्षा के बारे में चिंता पैदा कर दी है।
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