16 मार्च को लोकसभा चुनावों की घोषणा के बाद से मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (MCC) प्रभावी है। इसे देखते हुए भारत में कानून प्रवर्तन एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। तमिलनाडु पुलिस से जुड़ी एक हालिया घटना के बाद नकदी, शराब, आभूषणों की आवाजाही से संबंधित चुनाव आयोग (EC) किस तरह से सख्ती बरत रहा है, ये बात पता चलती है। 19 अप्रैल से लेकर 1 जून के बीच देशभर में सात चरणों में चुनाव कराए जाएंगे।
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में तमिलनाडु पुलिस को पर्यटक दंपति से 69,400 रुपये (827.75 डॉलर) जब्त करते हुए दिखाया गया है। हालांकि पैसा दंपति को वापस कर दिया गया था, लेकिन इस घटना ने चुनाव के दौरान नकदी और अन्य कीमती सामानों को लाने-ले जाने के लिए चुनाव आयोग के सख्त प्रोटोकॉल का पता चलता है।
चुनाव आयोग प्रत्येक चुनाव से पहले पुलिस, रेलवे, हवाई अड्डों और आयकर विभाग समेत विभिन्न कानूनी एजेंसियों को विस्तृत निर्देश जारी करता है कि वे चुनावी नतीजों पर असर डालने में सक्षम नकदी, शराब, आभूषण, ड्रग्स और उपहार के लाने- ले जाने पर कड़ी नजर रखें।
चुनाव आयोग स्टैटिक सर्विलांस टीम (SST) और फ्लाइंग स्क्वॉड के साथ हर जिले के लिए ऑब्जर्वर को तैनात करता है। एक सीनियर कार्यकारी मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में इन फ्लाइंग स्क्वॉड में सीनियर पुलिस अधिकारी, वीडियोग्राफर और सशस्त्र कर्मी शामिल होते हैं। आयोग की टीम वाहनों, मोबाइल फोन, वीडियो कैमरा और नकदी या सामान को जब्त करने के लिए आवश्यक उपकरणों से लैस होते हैं।
सर्विलांस टीम सड़कों पर चौकियां स्थापित करती हैं, पूरी निरीक्षण प्रक्रिया को रेकॉर्ड करते हैं और नियमित रूप से अपने स्थानों को बदलते हैं। चुनाव की घोषणा के बाद से चेकपॉइंट चालू हैं, मतदान के दिन तक अंतिम 72 घंटों में सख्ती बढ़ी हुई मिलेगी।
ऐसे में नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने साथ 50,000 रुपये (599.82$ ) या उससे अधिक की नकदी पास में न रखें। यदि नकदी ले जा रहे हैं तो उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके पास सभी आवश्यक दस्तावेज हैं। आवश्यक दस्तावेज पेश करने में नाकाम रहने पर नकदी जब्त की जा सकती है। चुनाव आयोग के उपायों का उद्देश्य उम्मीदवारों द्वारा अभियान के दौरान होने वाले खर्च की निगरानी करना है, जो प्रति निर्वाचन क्षेत्र लगभग यूएस 1.06 मिलियन डॉलर (बड़े राज्यों) और 902,400 डॉलर (छोटे राज्यों) है।
आयोग के ये नियम नागरिकों को भी प्रभावित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, चुनाव आयोग का आदेश है कि अगर एयरपोर्ट पर किसी व्यक्ति के पास 12,048 अमेरिकी डॉलर से अधिक की नकदी मिलती है तो संबंधित अधिकारियों को तुरंत आयकर विभाग को सूचित करना होगा। आयकर विभाग तब आवश्यक वेरिफिकेशन करता है और संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर कार्रवाई कर सकता है। जिसमें वेरिफिकेशन पूरा होने तक नकदी को जब्त करना शामिल है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि यह रकम किसी भी राजनीतिक इकाई से जुड़ा नहीं है।
चुनाव आयोग ने चुनावों में धन के इस्तेमाल पर सख्त कार्रवाई करने पर जोर दिया था। नकदी के गैरकानूनी इस्तेमाल को रोकने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि जब्त की गई राशि को अदालत के निर्देशानुसार जमा किया जाएगा और करीब 12,048 अमेरिकी डॉलर से अधिक की नकदी जब्त करने की एक प्रति आयकर अधिकारी को भेजी जाएगी।
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