इंडिया यानी भारत अब एक पसंदीदा वैश्विक पर्यटन स्थल है। पर्यटन भारत के आर्थिक विकास का एक इंजन है। इसमें भारत को वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में ले जाने की महत्वपूर्ण क्षमता है। ये उद्गार विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने व्यक्त किए।
उपराष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, नई दिल्ली के विज्ञान भवन में धनखड़ ने कहा कि वैश्विक शांति, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहन देने में पर्यटन की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पर्यटन मानवता के बंधन को जोड़ता है, जिसकी वर्तमान युग में बहुत आवश्यकता है। पर्यटन शांति कायम करने में योगदान देता है। उपराष्ट्रपति ने पर्यटन को भारत की डिजिटलीकरण क्रांति की सफलता की कहानी का अनुसरण करने का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने पिछले दशक में भारत की परिवर्तनकारी यात्रा का जिक्र करते इस बात पर बल दिया कि कैसे देश की वैश्विक छवि में नाटकीय रूप से सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत की छवि एक दशक पहले की छवि से बहुत अलग है। भारत के नेतृत्व को विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है। धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए उन्हें पर्यटन का सबसे बड़ा दूत बताया। पर्यटन, बुनियादी ढांचे और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की उपलब्धियों की वैश्विक प्रगति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप में कुछ पल बिताए और पूरी दुनिया को इसके बारे में पता चल गया।
पीआईबी की प्रेस रिलीज के अनुसार, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के अध्यक्ष के रूप में अपने अनुभव बताते हुए धनखड़ ने कहा कि यदि आप मेघालय जैसी जगह पर जाएं तो आप पानी की शुद्धता देखकर आश्चर्यचकित हो जाएंगे। वहां के पर्यावरण-अनुकूल गांव को देखकर हैरान रह जाएंगे। यह उस चमत्कार का उदाहरण है जो भारत ने केवल दस वर्षों में पर्यटन के लिए बनाया है।
उपराष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर के पर्यटन में उल्लेखनीय परिवर्तन का जिक्र करते हुए कहा कि जब मैंने मंत्रिपरिषद के सदस्य के रूप में श्रीनगर का दौरा किया था तो सड़कों पर मुश्किल से एक दर्जन लोगों को देखा था। पिछले वर्ष दो करोड़ से अधिक लोग पर्यटकों के रूप में कश्मीर गए। यह तेज वृद्धि वैश्विक पर्यटन केंद्र के रूप में भारत की बढ़ती स्थिति का प्रमाण है।
धनखड़ ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को लेकर कहा कि यूनेस्को ने भारत में 45 विरासत स्थलों को सूचीबद्ध किया है लेकिन वास्तविक संख्या कई गुना है। हमारे त्योहार जैसे दुर्गा पूजा, गणेश चतुर्थी और दीपावली में चुंबकीय आकर्षण है जो दुनिया भर से पर्यटकों को भारत खींचते हैं। उन्होंने वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर भारत की स्थिति को ऊंचा उठाने के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता का आह्वान किया। उनका कहना था कि यात्रा से बड़ी कोई शिक्षा नहीं है और पर्यटन से बड़ा कोई सहज कनेक्शन नहीं है।
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