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आरोपों में घिरे अडानी ग्रुप को अब फ्रांसीसी तेल कंपनी ने दिया तगड़ा झटका, संसद में भी घमासान

फ्रांस की प्रमुख तेल कंपनी टोटलएनर्जीज ने अडानी ग्रुप में निवेश रोकने का ऐलान कर दिया है। अमेरिकी विकास एजेंसी ने भी अडानी ग्रुप के सपोर्ट से श्रीलंका में बंदरगाह विकास के लिए 550 मिलियन डॉलर के ऋण की समीक्षा की घोषणा की है।

अडानी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडानी के खिलाफ नई दिल्ली में प्रदर्शन भी किए गए। / REUTERS/Anushree Fadnavis

अमेरिका में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे भारत के अडानी ग्रुप की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। फ्रांस की प्रमुख तेल कंपनी टोटलएनर्जीज ने अडानी ग्रुप में निवेश रोकने का ऐलान कर दिया है। इधर भारत की संसद अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों को लेकर सियासी घमासान हुआ।

अडानी के अरबपति अध्यक्ष गौतम अडानी और सात अन्य लोगों पर भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत में लगभग 265 मिलियन डॉलर का भुगतान करने के लिए सहमत होने के अमेरिकी अधिकारियों के फैसले से पहला बड़ा नतीजा है।

टोटलएनर्जीज ने अपने इस फैसले के लिए अडानी ग्रुप को जिम्मेदार ठहराते हुए दावा किया है कि उसे इस कथित भ्रष्टाचार की जांच से अवगत नहीं कराया गया था। जब तक अडानी ग्रुप के लोगों के खिलाफ आरोप और उनके नतीजे स्पष्ट नहीं हो जाते, तब तक टोटलएनर्जीज अडानी समूह की कंपनियों में अपने निवेश में कोई नया वित्तीय योगदान नहीं देगी।

टोटलएनर्जीज की अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड में 20% हिस्सेदारी है। उसे कंपनी बोर्ड में एक सीट भी मिली हुई है। अडानी ग्रीन एनर्जी ने आरोपों को खारिज किया है। बर्नस्टीन रिसर्च के विश्लेषकों का अनुमान है कि अडानी की कंपनियों में टोटलएनर्जीज का कुल वित्तीय जोखिम 4 से 5 बिलियन डॉलर के बीच है। 

जानकारों का अनुमान है कि आरोपों के घेरे में आए अडानी ग्रुप के खिलाफ अन्य कंपनियों द्वारा भी इसी तरह के कदम उठाए जा सकते हैं। अमेरिकी विकास एजेंसी ने एक दिन पहले कहा था कि वह अडानी ग्रुप के सपोर्ट से श्रीलंका में बंदरगाह विकास के लिए 550 मिलियन डॉलर का ऋण देने के समझौते पर इस रिश्वतखोरी मामले के प्रभाव क समीक्षा कर रही है।

अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों पर चर्चा की मांग को लेकर सोमवार को भारत की संसद में खूब हंगामा हुआ। विपक्षी दलों की तरफ से इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की लगातार मांग करते हुए हंगामा किए जाने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। भारत में विपक्षी दल आरोप लगाते रहे हैं कि अडानी ग्रुप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ करीबी का फायदा मिलता है। 

गौरतलब है कि अमेरिका में अडानी ग्रुप के खिलाफ आरोपों में कहा गया है कि उसने ठेके हासिल करने के लिए भारत में करीब 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी थी और अमेरिका में फंडिंग हासिल करने के दौरान इस तथ्य को छिपाया था। अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने भी ग्रुप और उसके अध्यक्ष के ऊपर कार्यवाही शुरू कर दी है। अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार बताया है और हरसंभव कानूनी उपाय करने की बात कही है। 
 

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