कलकत्ता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बर्बर बलात्कार और हत्या की शिकार हुई ट्रेनी डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए टोरंटो में बंगाली समुदाय के सदस्य और भारतीय डायस्पोरा के लोग रविवार को टोरंटो के क्वीन पार्क में विरोध प्रदर्शन के लिए जुटे। यह विरोध प्रदर्शन 9 अगस्त की रात युवती डॉक्टर के साथ हुए इस जघन्य अपराध के तरीके पर दुख और निराशा को प्रतिध्वनित करने के लिए आयोजित किया गया था।
टोरंटो का क्वीन पार्क ओंटारियो की प्रांतीय संसद से सटा है। यहां प्रदर्शन के दौरान बंगाली समुदाय के सदस्यों के अलावा अन्य समुदायों के सदस्य भी मौजूद रहे। प्लेकार्ड लेकर प्रदर्शनकारी पार्क के साथ लाइन में खड़े हुए। वहीं, एक संगीत समूह पीड़ित डॉक्टर के बलिदान को सम्मानित करने के लिए कुछ गीत बजा रहा था। प्रदर्शनकारी बाद में पार्क के अंदर गए और पीड़िता और उनके परिवार के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए।
टोरंटो के अलावा पीड़िता के परिवार के लिए न्याय की मांग करते हुए बड़े और छोटे समूहों में इसी तरह के विरोध प्रदर्शन दुनिया भर के 100 से ज्यादा प्रमुख शहरों में आयोजित किए गए। संयुक्त राज्य अमेरिका में 50 से अधिक शहरों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए गए। पीड़िता और उसके परिवार के साथ एकजुटता में इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों की खबरें जापान, ऑस्ट्रेलिया, ताइवान, सिंगापुर, इंग्लैंड, कनाडा, न्यू ज़ीलैंड, स्वीडन और जर्मनी से भी आ रही हैं।
यह भयावह घटना 9 अगस्त को तब सामने आई जब 31 साल की पोस्टग्रेजुएट छात्रा पर ड्यूटी के दौरान बर्बर हमला किया गया और उनकी हत्या कर दी गई। अस्पताल प्रबंधन और पुलिस ने मामले को 'आत्महत्या' के रूप में दबाने की कोशिश की। कथित रूप से सबूतों को नष्ट करने की भी कोशिश की गई।
लेकिन मामले को संदेहास्पद ढंग से मैनेज करने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। केंद्रीय अनुसंधान ब्यूरो (CBI) ने आगे की जांच को अपने हाथ में ले लिया। इसके बाद मुख्य संदिग्ध के साथ-साथ आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निदेशक-प्राचार्य की भी गिरफ्तारी हुई। इस चौंकाने वाली घटना के एक महीने बाद भी पीड़िता और न्याय के समर्थन में विरोध प्रदर्शनों और प्रदर्शनों में कोई कमी नहीं आई है।
विश्वव्यापी विरोधों की आयोजक दीप्ति जैन ने कहा, 'ड्यूटी पर रहे एक युवा प्रशिक्षु डॉक्टर पर किए गए इस जघन्य अपराध की खबर ने हमें सभी को बेहद चौंका और हिला दिया है। इस घटना में दिखने वाली क्रूरता, बर्बरता और मानव जीवन के प्रति उदासीनता भयावह है।'
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