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भारत के ईवी फाइनैंस सेक्टर में ये ऑस्ट्रेलियाई कंपनी करेगी धांसू एंट्री

खबरों में बताया गया है कि मैक्वेरी का लक्ष्य भारत में 400 मिलियन डॉलर के शुरुआती निवेश का है। मैक्वेरी जल्द ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के यहां लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकती है।

कंपनी का लक्ष्य भारत में 400 मिलियन डॉलर के शुरुआती निवेश का है। Photo by CHUTTERSNAP / Unsplash /

ऑस्ट्रेलिया की प्रमुख वित्तीय सेवा कंपनी मैक्वेरी अपने नए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) प्लेटफॉर्म के जरिए गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी) की स्थापना करके भारतीय क्रेडिट बाजार में एंट्री करने जा रही है। इससे कमर्शल ईवी ऑपरेटरों को आसान कर्ज मिल सकेगा जिससे भारत में ईवी लक्ष्य पूरा करने में बड़ी मदद मिल सकती है।

मामले के जानकार लोगों के हवाले से आई खबरों में बताया गया है कि मैक्वेरी का लक्ष्य भारत में 400 मिलियन डॉलर के शुरुआती निवेश का है। मैक्वेरी जल्द ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के यहां लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकती है।

मैक्वेरी का लक्ष्य एक व्यापक ईवी प्लेटफॉर्म विकसित करना है जो ईवी बेड़े को पट्टे पर देने से लेकर बैटरी सेवाओं और भारी परिवहन तक की सेवाएं प्रदान करेगा। कंपनी को आने वाले वर्षों में इस एनबीएफसी के जरिए 1.2 से लेकर 2 अरब डॉलर तक का कारोबार होने की उम्मीद है।

खबरों के अनुसार, मैक्वेरी ने भारत में अपने एनबीएफसी की अगुआई करने के लिए ओरिक्स इंडिया के पूर्व सीईओ संदीप गंभीर को जिम्मेदारी सौंपी है। एक दशक तक ओरिक्स इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ रहे संदीप के पास उपभोक्ता वित्त का व्यापक अनुभव है।

भारत सरकार ने 2030 तक देश के लगभग 30% वाहन बेड़े को इलेक्ट्रिन में तब्दील करने का बड़ा लक्ष्य रखा है। मैक्वेरी की क्रेडिट बाजार में एंट्री इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।

मैक्वेरी 250 अरब डॉलर से अधिक की कंपनी है। वह अपने एशिया फंड के जरिए से भारत में निवेश कर रही है। उसने पहले भारत में सड़क, डिजिटल और बिजली में भी निवेश किया है।

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