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NASA-ISRO अंतरिक्ष मिशन के लिए प्रमुख पायलट के तौर पर चुने गए ग्रुप कैप्टन शुभांशु

शुभांशु शुक्ला को 17 जून, 2006 को भारतीय वायु सेना (IAF) के लड़ाकू विंग में नियुक्त किया गया था। Su-30 MKIऔर मिग-29 जैसे विभिन्न विमानों पर लगभग 2,000 घंटे के उड़ान अनुभव के साथ शुक्ला एक अनुभवी लड़ाकू फाइटर और परीक्षण पायलट हैं।

शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर, 1985 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ है। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के पूर्व छात्र हैं। / City Montessori school

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए आने वाले भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष मिशन के लिए प्रमुख पायलट का चुनाव कर लिया है। इस मिशन के लिए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का चयन किया गया है। यह प्रकिया ISRO के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र और अमेरिकी अंतरिक्ष उड़ान कंपनी एक्सिओम स्पेस के बीच अंतरिक्ष उड़ान समझौते का परिणाम है। इस मिशन को एक्सिओम-4 (Axiom-4) के रूप में जाना जाता है। यह ISS के लिए चौथा निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है, जो NASA और SpaceX के साथ साझेदारी में किया गया है।

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर, 1985 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ है। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के पूर्व छात्र हैं। उन्हें 17 जून, 2006 को भारतीय वायु सेना (IAF) के लड़ाकू विंग में नियुक्त किया गया था। Su-30 MKI और मिग-29 जैसे विभिन्न विमानों पर लगभग 2,000 घंटे के उड़ान अनुभव के साथ शुक्ला एक अनुभवी लड़ाकू फाइटर और परीक्षण पायलट हैं।

उनके साथ बैकअप पायलट के रूप में केरल के ग्रुप कैप्टन प्रसन्थ बालकृष्णन नायर हैं। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र नायर को 19 दिसंबर, 1998 को IAF में नियुक्त किया गया था और लगभग 3,000 घंटे के उड़ान अनुभव के साथ कैट ए फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर हैं। इन चुने हुए पायलटों को 'गगनयात्री' के रूप में जाना जाता है। ये अगस्त 2024 के पहले सप्ताह से मिशन के लिए प्रशिक्षण शुरू करेंगे। ISS पर अपने समय के दौरान वे वैज्ञानिक शोध और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन प्रयोग करेंगे और अंतरिक्ष आउटरीच गतिविधियों में शामिल होंगे।

यह मिशन भारतीय मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम को महत्वपूर्ण रूप से लाभान्वित करेगा। इससे ISRO और NASA के बीच सहयोग को मजबूत होने की उम्मीद है। यह जून 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की आधिकारिक राजकीय यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका द्वारा जारी किए गए संयुक्त बयान के अनुरूप है, जिसमें मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशनों में सहयोगी प्रयास की कल्पना की गई थी।

मल्टीलैटरल क्रू ऑपरेशंस पैनल (MCOP) आईएसएस जाने वाले क्रू सदस्यों के लिए अंतिम मंजूरी देगा। यह मिशन भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण क्षमताओं और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ इसके सहयोगी प्रयासों में एक बड़ा कदम है।

 

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