मिशिगन से अमेरिकी प्रतिनिधि श्री थानेदार ने हाल ही में प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पेश किया है। इसका मकसद अमेरिका में हिंदुओं और हिंदू धर्म के योगदान का जश्न मनाने के साथ ही हिंदू पूजा स्थलों पर हमलों, हिंदूफोबिया और हिंदू विरोधी कट्टरता की निंदा करना है। फिलहाल इस प्रस्ताव को समीक्षा के लिए कमेटी के पास भेजा गया है।
यह प्रस्ताव हिंदू धर्म की समृद्ध विरासत को रेखांकित करता है, जो दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने धर्मों में से एक है। दुनिया भर में 1.2 बिलियन से अधिक इसके अनुयायी हैं। 19वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदू अमेरिकियों के अहम योगदान की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए प्रस्ताव में उनकी विविध नस्लीय, भाषाई और जातीय पृष्ठभूमि पर जोर दिया गया है जिसने देश की अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध किया है।
वेदांत दर्शन से लेकर आयुर्वेद चिकित्सा, ललित कलाओं से लेकर ध्यान और योग जैसी आध्यात्मिक प्रथाओं तक, हिंदू परंपराओं ने अमेरिकी समाज पर एक अमिट छाप छोड़ी है। यह दिवाली और होली जैसे सर्व समावेशी धार्मिक समारोहों को भी नमन करता है, जो हिंदू घरों और देश भर में हजारों हिंदू मंदिरों में जीवंत रूप से मनाए जाते हैं। यह संयुक्त राज्य अमेरिका में नागरिक अधिकारों के आंदोलन पर हिंदू दर्शन में निहित अहिंसक सविनय अवज्ञा की महात्मा गांधी की शिक्षाओं के गहरे प्रभाव को उजागर करता है, जिसका समर्थन मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने किया था।
बहरहाल, विविधता एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान के इन उत्सवों के बीच प्रस्ताव में हिंदू अमेरिकियों के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी रोशनी डाली गई है। देश और समाज जीवन में हिंदुओं के सकारात्मक योगदान के बावजूद वे अक्सर रूढ़िवादिता, अपनी विरासत और प्रतीकों के बारे में दुष्प्रचार और यहां तक कि भेदभाव और अभद्र भाषा का सामना करते हैं।
फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन की हेट क्राइम स्टैटिस्टिक्स रिपोर्ट के चौंकाने वाले आंकड़े बताते हैं कि हिंदू विरोधी घृणा अपराधों में मंदिरों और व्यक्तियों को निशाना बनाया जा रहा है। साथ ही अमेरिकी समाज के भीतर हिंदूफोबिया में चिंताजनक वृद्धि हुई है।
इस तरह की असहिष्णुता और भेदभाव के खिलाफ यह प्रस्ताव सख्ती से खड़ा है। प्रस्ताव प्रतिनिधि सभा से अमेरिका में हिंदुओं और हिंदू धर्म के योगदान का जश्न मनाने, राष्ट्र को हिंदू अमेरिकियों का स्वागत करने वाली विविधता के प्रतीक के रूप में घोषित करने और हिंदूफोबिया, हिंदू विरोधी कट्टरता और घृणा की निंदा करने का आह्वान करता है।
इसके अलावा, यह प्रस्ताव अमेरिकी जनता और प्रेस के लिए संकल्प की उपयुक्त प्रतियों के प्रसार की वकालत करता है, समावेशिता और एकजुटता के संदेश को बढ़ाता है। यदि यह प्रस्ताव पारित हो जाता है तो यह विविधता, सहिष्णुता और समानता के सिद्धांतों को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध होगा और यह सुनिश्चित करेगा कि सभी समुदायों की तरह हिंदू अमेरिकियों को भी अमेरिकी समाज के ताने-बाने में सम्मान और संरक्षण मिले।
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