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टेक्सास टेक के भारतवंशी प्रोफेसर का कमाल, कैंसर सर्जरी के लिए ईजाद की आफ्टरग्लो तकनीक

प्रो इंद्रजीत श्रीवास्तव ने आफ्टरग्लो तकनीक ईजाद की है, जिससे कैंसरकारी ट्यूमर करीब दस मिनट तक चमकता रहता है। इससे डॉक्टरों को बेहतर तरीके से उसका पता लगाने और निकालने में मदद मिल सकती है।

प्रोफेसर इंद्रजीत श्रीवास्तव 2023 में टेक्सास टेक में शामिल हुए थे। / Image - Texas Tech

टेक्सास टेक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर इंद्रजीत श्रीवास्तव ने कैंसर की सर्जरी के लिए एक नया इनोवेटिव तरीका ईजाद किया है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर श्रीवास्तव ने आफ्टरग्लो के रूप में एडवांस इमेजिंग तकनीक विकसात की है।

इस वक्त फ्लोरोसेंस गाइडेड सर्जरी की जाती है, जिसमें डाई से भरा इंजेक्शन लगाया जाता है। इसके बाद जब लेजर से लाइट डाली जाती है तो इस डाई की वजह से ट्यूमर चमकने लगता है। इससे डॉक्टरों को कैंसर वाले टिश्यू और हेल्दी टिश्यू में अंतर पता चल जाता है। 

हालांकि इस तकनीक की अपनी सीमाएं हैं। इसमें फ्लोरोसेंट कुछ देर के लिए ही काम करता है। ऐसे में अगर तुरंत लेजर का प्रयोग करना पड़ता है। इसके अलावा ये मटिश्यू में गहरे तक नहीं पहुंच पाता और इससे मिलने वाले सिग्नल भी कमजोर होते हैं। 

इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए श्रीवास्तव ने आफ्टरग्लो तकनीक ईजाद की है। इस तकनीक में ट्यूमर करीब दस मिनट तक चमकता रहता है। इससे डॉक्टरों को बेहतर तरीके से उसका पता लगाने और निकालने में मदद मिल सकती है। इस तकनीक में फ्लोरोसेंट टिश्यू में उस सीमा तक गहरे तक प्रवेश करके कैंसर कारी ऊतकों को उजागर कर देता है, जहां पारंपरिक फ्लोरोसेंट काम नहीं कर पाता। 

2023 में टेक्सास टेक में शामिल हुए श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी तकनीक उसी तरह काम करती है, जैसे कि अंधेरे में कोई चमकने वाला स्टिकर दिखाई देता है। इससे कैंसरकारी सभी ऊतकों को निकालना संभव हो सकता है। 

अब श्रीवास्तव और उनकी टीम इस आफ्टरग्लो इमेजिंग तकनीक में और सुधार करने में जुटे हैं। वह इसमें प्रोटीन का भी प्रयोग करने पर काम कर रहे हैं, जिससे वह और भी ज्यादा गहराई तक पहुंच सकेगा। श्रीवास्तव के इस काम को एडवांस फंक्शनल मटीरियल्स ने हाल ही में प्रकाशित किया है। 

श्रीवास्तव ने 2015 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी, शिवपुर (भारत) से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग और मटीरियल साइंस में बीई की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने 2017 यूआईयूसी से एमएस किया और 2020 में पीएचडी की थी। 

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