अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने 6-3 से दिए अपने अहम फैसले में उस कानून को मंजूरी दे दी जो बॉर्डर पुलिस को यह अधिकार देता है कि वह शरण की उम्मीद लेकर और बिना पर्याप्त दस्तावेजों के टेक्सास बॉर्डर से आने वाले लोगों को गिरफ्तार कर सकेगी और तुरंत ही डिपोर्ट कर सकेगी। इस आदेश ने देशभर में उथल पुथल मचा दी।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद टेक्सास एसबी-4 अमल में आ गया। हालांकि कुछ देर बाद फिफ्थ सर्किट कोर्ट ऑफ अपील ने इमरजेंसी ऑर्डर जारी करते हुए इस कानून के तुरंत अमल पर रोक लगा दी। अब फिफ्ट सर्किट कोर्ट एसबी की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
यह बिल पुलिस को ऐसे किसी भी शख्स से पूछताछ करने और गिरफ्तार करने के अधिकार देता है, जो उसके मुताबिक गैरकानूनी तरीके से मेक्सिको सीमा से दाखिल हुआ है और बिना वैध इमिग्रेशन स्टेटस के देश में रह रहा है।
व्हाइट हाउस भी एसबी को असंवैधानिक करार दे चुका है। उसका कहना है कि इमिग्रेशन मामलों पर फैसला लेने का अधिकार सिर्फ फेडरल सरकार को है और यह कानून उसके अधिकारों का अतिक्रमण करता है।
आलोचकों का कहना है कि यह बिल लोगों की नस्लीय प्रोफाइलिंग की वजह बन सकता है और ऐसे कानूनी प्रवासियों के संभावित निर्वासन की वजह बन सकता है, जिनके पास हिरासत में लिए जाते वक्त आव्रजन संबंधी कागजात नहीं थे।
प्रतिनिधि प्रमिला जयपाल ने ट्वीट करके इस बिल की आलोचना करते हुए कहा कि यह एक भयावह, क्रूर और स्पष्ट रूप से संविधान के खिलाफ कानून है। यह कानून आव्रजन प्रणाली में न केवल अराजकता, भ्रम और अव्यवस्था पैदा करेगा बल्कि आप्रवासी व अल्पसंख्यक समुदायों की नस्लीय प्रोफाइलिंग का आधार बनेगा, जिससे आखिककार टेक्सास के लोगों में डर पैदा होगा।
जयपाल ने इसे "ज़ेनोफोबिक" करार देते हुए कहा कि यह उस भरोसे को कम करता है जिसकी स्थानीय पुलिस को समुदायों को सुरक्षित करने में मदद के लिए जरूरत पड़ती है। यही कारण है कि इस 'मुझे अपने कागजात दिखाओ' कानून का टेक्सास पुलिस चीफ एसोसिएशन और टेक्सास मेजर सिटीज चीफ्स के सदस्यों द्वारा विरोध किया जा रहा है। इनमें डलास, ह्यूस्टन, ऑस्टिन, अर्लिंग्टन, फोर्ट वर्थ और सैन एंटोनियो के पुलिस प्रमुख भी शामिल हैं।
अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन के वरिष्ठ अटॉर्नी डेविड डोनाटी ने सीबीएस न्यूज से कहा कि इस कानून के बाद टेक्सास में अश्वेत लोग लोग खुद से पूछने पर मजबूर हो गए हैं कि क्या वह एक अमेरिकी की तरह दिखते हैं? एसीएलयू ने कहा कि एसबी 4 अमेरिका में किसी भी राज्य विधायिका द्वारा पारित सबसे ज्यादा विरोधी आप्रवासी कानूनों में से एक है।
आप्रवासियों के पैरोकारों ने टेक्सास के ऐसे निवासियों से आग्रह किया है जिन्हें पर्याप्त दस्तावेज न रखने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। उनसे कहा है कि वह पुलिस को तलाशी देने और अपनी पहचान बताने से इनकार कर दें और अपने लिए वकील की मांग करें। उन्होंने सुझाव दिया कि टेक्सास में सभी अश्वेत लोग अब अपने कानूनी निवास का सबूत हर समय अपने साथ रखें।
इस कानून की वजह से ये अंदेशा पैदा हो गया है कि निवासियों को अब हिरासत और संभावित निष्कासन से बचने के लिए अब हर समय अपने आव्रजन दस्तावेज साथ रखने पर मजबूर किया जा सकता है। हालांकि मेक्सिको ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया में कहा कि इस कानून के बाद टेक्सास द्वारा तुरंत ही आप्रवासियों को निर्वासित नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि टेक्सास में भारतीय अमेरिकियों की सबसे बड़ी आबादी रहती है। मेक्सिको सीमा के रास्ते अमेरिका में आने वाले अनिर्दिष्ट भारतीयों की संख्या नाटकीय रूप से बढ़ रही है। 2021 में सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा अधिकारियों ने 30,662 लोगों को हिरासत में लिया था। 2022 में यह संख्या बढ़कर 63,927 हो गई थी। बंधकों में भारतीय पंजाबियों की संख्या काफी है।
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