अरबपति परोपकारी-उद्यमी सुनील वाधवानी ने अपने पूर्व शिक्षण संस्थान आईआईटी मद्रास को डेटा साइंस और AI (आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस) स्कूल की स्थापना के लिए चंदे के रूप में बड़ी धनराशि दी है। यह स्कूल उनके ही नाम पर ही होगा। बताया जाता है कि उद्यमी ने वाधवानी संस्थान को 13,256,848 अमेरिकी डॉलर का भारी दान दिया है।
IIT मद्रास ने मीडिया को बताया कि भारत में किसी शैक्षणिक संस्थान में स्कूल की स्थापना के लिए किसी पूर्व छात्र द्वारा दिया गया यह सबसे बड़ा उपहार है। इस नाते सुनील वाधवानी और IIT मद्रास के निदेशक प्रो. वी कामकोटि के बीच संकाय, छात्रों, पूर्व छात्रों और शोधकर्ताओं की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर 30 जनवरी को हस्ताक्षर किए गए थे।
वाधवानी स्कूल ऑफ डेटा साइंस एंड AI की स्थापना दुनिया भर के शीर्ष AI स्कूलों में शामिल होने के विचार से की जा रही है। विद्यालय का उद्देश्य सरकार और नीति निर्माताओं को डेटा साइंस और AI से जुड़े नीति क्षेत्रों में पर सलाह देना है।
वाधवानी स्कूल में पाठ्यक्रम
बताया जाता है कि वाधवानी स्कूल ऑफ डेटा साइंस में जुलाई 2024 से दाखिले होंगे। स्कूल में AI एंड डेटा एनालिटिक्स में बीटेक कार्यक्रम, डेटा साइंस एंड AI में एमटेक, डेटा साइंस एंड AI में एमएस और पीएचडी जैसे पाठ्यक्रम शामिल किये जाएंगे। यही नहीं ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय के साथ संयुक्त रूप से डेटा साइंस एंड AI में एमएससी का पाठ्यक्रम भी स्कूल में उपलब्ध रहेगा। अन्य कार्यक्रमों में डेटा साइंस में इंटरनेशनल इंटरडिसिप्लिनरी मास्टर्स प्रोग्राम, डेटा साइंस में इंटरडिसिप्लिनरी डुअल डिग्री और औद्योगिक AI में वेब-सक्षम एमटेक शामिल हैं। वाधवानी स्कूल ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय के साथ डेटा साइंस एंड AI में एक संयुक्त एमएससी पाठ्यक्रम भी चलाएगा। इसमें 30 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा।
समझौता ज्ञापन के दौरान स्कूल की स्थापना को लेकर वाधवानी के वक्तव्य का एक हिस्सा भी पढ़ा गया जिसमें उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ भारत में अपार संभावनाएं हैं। भारत AI और संबद्ध विज्ञान के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी हो सकता है। एक गौरवान्वित पूर्व छात्र के रूप में IIT मद्रास मेरे जीवन में एक विशेष स्थान रखता है और मैं इस रूप में अपने संस्थान के साथ जुड़कर मैं अत्यधिक प्रसन्नता की अनुभूति कर रहा हूं।
कौन हैं सुनील वाधवानी
सुनील वाधवानी पिट्सबर्ग, पेंसिल्वेनिया के एक परोपकारी-उद्यमी हैं। वह WISH फाउंडेशन के संस्थापक-दाता हैं। यह फाउंडेशन भारत के कुछ सबसे गरीब इलाकों में 300 से अधिक प्रौद्योगिकी-सक्षम स्वास्थ्य क्लीनिक संचालित करता है।
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