भारत के दिग्गज उग्योगपति, परोपकारी, टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष और भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण के प्राप्तकर्ता रतन नवल टाटा का 9 अक्टूबर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। टाटा की हालत गंभीर थी और उनकी मृत्यु के समय वह गहन देखभाल में थे।
भारतीय उद्योग जगत के एक दिग्गज, टाटा को उनके व्यापारिक कौशल और परोपकार के लिए व्यापक रूप से प्रशंसा मिली। उनके इन्हीं गुणों ने टाटा समूह को भारत के सबसे बड़े और सबसे सम्मानित घरानों में से एक बना दिया। उनका नेतृत्व व्यापार जगत से परे तक फैला और टाटा ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया पर टाटा को श्रद्धांजलि दी है और उनके प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। टाटा को याद करते हुए पिचाई ने कहा कि गूगल के मुख्यालय में उनके साथ हुई मुलाकात की आखिरी याद साझा कर रहा हूं।
पिचाई ने लिखा- हमारी पिछली बैठक में हमने वेमो (Waymo) की प्रगति पर चर्चा की। उनका दृष्टिकोण सुनने में प्रेरणादायक था। वह एक असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं और उन्होंने भारत में आधुनिक व्यवसाय नेतृत्व को सलाह देने और विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्हें भारत को बेहतर बनाने की गहरी चिंता थी।
My last meeting with Ratan Tata at Google, we talked about the progress of Waymo and his vision was inspiring to hear. He leaves an extraordinary business and philanthropic legacy and was instrumental in mentoring and developing the modern business leadership in India. He deeply…
— Sundar Pichai (@sundarpichai) October 9, 2024
रतन टाटा ने बड़े अधिग्रहणों के साथ एक स्थिर और विशाल भारतीय समूह को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। टाटा समूह 2023-24 में 13 लाख 85 हजार करोड़ रुपये के राजस्व के साथ दुनिया के सबसे बड़े उद्योग समूहों में से एक है।
सादगी भरा व्यक्तित्व
भारत के रतन कहे जाने वाले दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा अरबपतियों में शामिल होने के बावजूद अपनी सादगी से हर किसी का दिल जीत लेते थे। वह उन शख्सियतों में शुमार थे, जिनका हर कोई सम्मान करता था। अपनी कारोबारी उपलब्धियों के साथ-साथ अपने विनम्र स्वभाव और परोपकारी कार्यों के भी लिए जाने जाते थे। सैकड़ों करोड़ की संपत्ति होने के बाद भी वह सादगी से ही रहते थे। उनकी सादगी के किस्से लोग याद करते हैं।
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