यूएई की राजधानी अबू धाबी में एक सड़क का नाम भारतीय मूल के 84 वर्षीय नागरिक डॉ जॉर्ज मैथ्यू के नाम पर रखा गया है। खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, डॉ मैथ्यू ने लगभग छह दशकों तक अमीरात के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
रिपोर्ट बताती है कि डॉ मैथ्यू संयुक्त अरब अमीरात के एकीकरण से काफी पहले 1967 में जब संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे थे, तब उनकी उम्र महज 26 साल थी। इसके बाद उन्होंने अबू धाबी में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह पहले डॉक्टर हैं, जिन्होंने अल ऐन के सरकारी अस्पताल में काम किया।
डॉ मैथ्यू के योगदान को देखते हुए अल मफराक क्षेत्र में शेख शाखबाउट मेडिकल सिटी के पास एक सड़क का नाम जॉर्ज मैथ्यू स्ट्रीट रखा गया है। यह कदम नगर पालिका और परिवहन विभाग की तरफ से यूएई के विजनरी नागरिकों के सम्मान की योजना के तहत उठाया गया है।
खलीज टाइम्स के मुताबिक, डॉ मैथ्यू 1967 से यूएई में हैं, लेकिन यह देश उनकी पहली पसंद नहीं था। वह अमेरिका जाना चाहते थे। लेकिन उनके एक मिशनरी दोस्त ने अल ऐन की खूबसूरती का ऐसा बखान किया कि उन्होंने वहीं बसने का फैसला कर लिया। शेख जायद की पहल पर अल ऐन में खोले गए सरकारी अस्पताल में वह डॉक्टर बन गए।
डॉ मैथ्यू को स्थानीय लोग प्यार से 'मैट्यूस' कहकर पुकारते हैं। उन्होंने एक आम डॉक्टर के रूप में अपनी सेवाएं शुरू कीं, उसके बाद कई शीर्ष पदों तक पहुंचे। 1972 में वह अल ऐन एरिया के मेडिकल डायरेक्टर बने और 2001 में स्वास्थ्य प्राधिकरण के सलाहकार की जिम्मेदारी निभाई।
मूल रूप से दक्षिण भारतीय राज्य केरल के रहने वाले डॉ मैथ्यू ने त्रिवेंद्रम मेडिकल कॉलेज से स्नातक किया है। शादी के बाद वह पत्नी वलसा के साथ यूएई चले गए थे। उनकी बेटी मरियम सरकारी अधिकारी हैं।
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