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मिलिए चंडीगढ़ की महिला कलाकार इप्सिता से, उनके गीतों में महिला सशक्तीकरण का संदेश

चंडीगढ़ में जन्मी और उत्तर भारत के विभिन्न शहरों में पली-बढ़ी इप्सिता ने गायन, अभिनय और नृत्य में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने 12 साल की उम्र में पॉप और ओपेरा गायन में अपने कौशल को विकसित किया।

Ipsitaa /

भारतीय शहर चंडीगढ़ में रहने वाली इप्सिता एक बहुत प्रतिभावान कलाकार हैं। वह सिर्फ गायिका ही नहीं, कथक नर्तकी और अत्रिनेत्री भी हैं। उन्होंने फिल्मी करियर की शुरुआत मशहूर कलाकार यो यो हनी सिंह के साथ गाने 'फर्स्ट किस' से शुरू की। उनके इस पहले गाने को YouTube पर 238 मिलियन बार देखा गया और Spotify पर 34 मिलियन स्ट्रीम प्राप्त हुईं। उनके गाने महिलाओं को काफी पसंद हैं। उन्होंने अपने कई गानों में महिलाओ के सशक्तीकरण का संदेश दिया।

वह भारत की बहु-प्रतिभाशाली कलाकारों में से हैं, उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, येल, प्रिंसटन, कोलंबिया, कॉर्नेल के साथ-साथ स्टैनफोर्ड जैसे संस्थानों में पढ़ाई की। अपनी प्रतिभा के अनूठे मिश्रण के साथ, इप्सिता पश्चिम में अपने आदर्शों के नक्शेकदम पर चलते हुए भारत की पहली 'ट्रिपल थ्रेट' प्रतिभा बनने की ओर अग्रसर हैं। उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प के माध्यम से साबित कर दिया है कि लड़कियां वास्तव में सब कुछ कर सकती हैं।

चार सोलो गीतों की रिलीज़ के साथ इप्सिता की संगीत प्रतिभा लगातार बढ़ती रही है। जिनमें से प्रत्येक उनकी प्रतिभा और कलात्मकता का प्रमाण है। विशेष रूप से, उन्होंने अपने 'सोलो लैला'गाने में महिलाओं के सशक्तीकरण का संदेश दिया। इस गीत ने यूट्यूब पर 20 मिलियन व्यूज और स्पॉटिफ़ाइ पर 1.4 मिलियन स्ट्रीम हासिल किया। इसके बाद वो पंजाबी गीत 'निकाह' में नजर आईं, जो दुनिया भर की महिलाओं को बहुत पसंद आया। 

कौन हैं इप्सिता
चंडीगढ़ में जन्मी और उत्तर भारत के विभिन्न शहरों में पली-बढ़ी इप्सिता ने गायन, अभिनय और नृत्य में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने 12 साल की उम्र में पॉप और ओपेरा गायन में अपने कौशल को विकसित किया। उनकी प्रतिभा का एक प्रमाण है कि उन्होंने ट्रिनिटी कॉलेज, लंदन द्वारा आयोजित वोकल्स: रॉक एंड पॉप की श्रेणी में ग्रेड 8 वॉयस परीक्षा में हासिल की थी, जहां उन्होंने उत्तर भारत में टॉपर बनकर उभरा। 

अपार सफलताएं
उनकी शुरुआती सफलताएं अंतर्राष्ट्रीय गायक मंडल, कैपिटल सिटी मिनस्ट्रेल्स के सबसे कम उम्र के सदस्य के रूप में शामिल हैं। उन्होंने इंटर-स्कूल, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार जीते। उन्होंने 14 साल की उम्र में कथक में वरिष्ठ डिप्लोमा भी प्राप्त किया।

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