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रितिक रोशन के बारे में ऐसी कुछ बातें जो हमें पसंद हैं...

रितिक के पिता ने बतौर निर्देशक करियर की शुरुआत में कई उतार-चढ़ाव देखे। लिहाजा रितिक को काफी पहले से पता था कि कड़ी मेहनत के अलावा आगे बढ़ने के लिए उनके पास कोई और रास्ता न होगा।

रितिक अपने दौर के निडर अभिनेताओं में से एक हैं। / Image : X@Hrithik Roshan Fighter

क्या आप जानते हैं कि रितिक रोशन का उपनाम डुग्गू उनके पिता के उपनाम गुड्डु का ही एक बदला हुआ रूप है? बेशक, रितिक की दादी, जिन्होंने नाम रखा था, चाहती थीं कि वह बिल्कुल अपने पिता जैसा बने। लेकिन लड़का बड़ी चीज़ों के लिए बना था। रितिक ने एक अभिनेता के रूप में अपने पिता द्वारा बहुत पहले ही हासिल की गई सभी उपलब्धियों को पीछे छोड़ दिया। शायद इसलिए कि उनके पिता ही उनका मार्गदर्शन कर रहे थे।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि कहो न प्यार है एक अभिनेता के रूप में उनकी पहली पारी नहीं थी? वर्ष 1980 में उनके नाना जे ओम प्रकाश ने उनसे अभिनय कराया था। वह उनके पिता के सबसे अच्छे दोस्त जीतेंद्र के साथ एक दृश्य था। रितिक ने छोटा सा डांस किया। उससे उन्हें 100 रुपये की 'भारी भरकम' कमाई हुई। कुछ इस तरह से बहुत पहले ही किस्मत ने फैसला कर लिया था कि रितिक अपने दादा-दादी के नाम को चमकाएंगे। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि परिवार ने अपने आधिकारिक उपनाम नागरथ के बजाय अपने पिता रोशन के नाम को आगे बढ़ाने का विकल्प चुना।

एक सहज शुरुआत
रितिक के पिता ने बतौर निर्देशक करियर की शुरुआत में कई उतार-चढ़ाव देखे। लिहाजा रितिक को काफी पहले से पता था कि कड़ी मेहनत के अलावा उनके पास कोई और रास्ता न होगा। यह बहुत से लोग जानते हैं कि रितिक ने करण अर्जुन और कोयला के सेट पर अपने पिता के सहायक के रूप में शुरुआत की थी। दोनों फिल्मों में बहुत मशहूर सितारे थे लेकिन उनमें से कई लोगों को यह भी नहीं पता था कि राकेश रोशन का बेटा उनकी फिल्म के सेट पर था। ऐसा इसलिए क्योंकि रितिक ने ध्यान आकर्षित करने की कोशिश नहीं की। सिर्फ इसलिए कि वह राकेश रोशन के बेटे हैं इसका मतलब यह नहीं कि रितिक को तवज्जो मिलती। जब वह अपने पिता की सहायता करते थे तो वह न केवल सेट पर फर्श तक साफ करते थे बल्कि क्रू को चाय भी पिलाते थे। लेकिन इसके साथ ही रितिक उद्योग में सर्वश्रेष्ठ को भी देख रहे थे और उनके जैसा अभिनय करने की पूरी कोशिश कर रहे थे। वह उनसे सीख रहे थे। वह घंटों आईने के सामने खड़े होकर वे सीन दोहराते थे जो शाहरुख खान उनके पिता की फिल्म कोयला के लिए करते थे।

इतिहास बनाया
कहो न प्यार है और रितिक रोशन के आने से पहले भारतीय सिनेमा ने किसी नवागंतुक की इतनी जबरदस्त हिट नहीं देखी थी। हर किसी ने इसे एक आदर्श एंट्री बताया। इस मामले में यह एक तरह का इतिहास भी है क्योंकि इससे पहले इतनी बड़ी सफलता वाली दस्तक शायद ही किसी अभिनेता ने दी थी।

कठिन दौर...
लेकिन एक दौर ऐसा भी आया जब रितिक सब कुछ छोड़ देना चाहते थे। तब कहो न प्यार है की सफलता और उसके बाद मिले ढेर सारे प्रस्ताव रितिक के लिए कोई मायने नहीं रखते थे। वह अपना करियर शुरू होने से पहले ही फिल्में छोड़ने के लिए तैयार थे। दरअसल, 2001 में राकेश रोशन पर एक घातक हमला हुआ था। अभिनेता ने खुलासा किया कि जब उनके पिता को दो हमलावरों ने गोली मार दी और वह मृत्यु के बहुत करीब थे तब उन्होंने सब छोड़ने और अभिनय को अलविदा कहने का निर्णय ले लिया था। बकौल रितिक उस दिन मैं खुद को रोक नहीं सका। लेकिन मुझे लगा कि मैं दुनिया में कड़ी मेहनत और अच्छाई में विश्वास खो रहा हूं… मैं अपने लिए चीजें शुरू होने से पहले सब छोड़ना चाहता था।

असुरक्षाओं को शिकस्त
रितिक अपने दौर के निडर अभिनेताओं में से एक हैं। वह अपने स्टंट के लिए शायद ही बॉडी डबल का इस्तेमाल करते हैं। वह बिना किसी घबराहट के अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, एक समय में अभिनेता के अपने डर थे जिनसे उबरने में उन्हें कई साल लग गए। बचपन में रितिक हकलाते थे। यहां तक कि जब वह टॉप के स्टार बन गए तब भी उनका सबसे बड़ा डर अपने प्रशंसकों, खासकर बच्चों से मिलना और उनका अभिवादन स्वीकार करना था। रितिक को लगता था वे उस पर हंसेंगे और एक बच्चे के रूप में उसे जो आघात सहना पड़ा वह फिर से सामने आ जाएगा। लेकिन रितिक ने इस बाधा को हराया। रितिक जानते थे कैसे। उन्होंने खुद पर काफी मेहनत की। वह एकमात्र ऐसे अभिनेता हैं जिनकी रिहर्सल उनकी फिल्मों की तुलना में अधिक कठिन है क्योंकि वह खुद पर काम करने के अलावा किसी और चीज में विश्वास नहीं करते।

किस्मत को चुनौती
ऋतिक रोशन के डांस का हर कोई फैन है, लेकिन ये सुपर स्टारडम लगभग नहीं बन पाता। 21 साल की उम्र में उन्हें स्कोलियोसिस का पता चला और बताया गया कि वो कभी डांस नहीं कर पाएंगे। उनसे यह भी कहा गया था कि वह कभी भी वह सभी चीजें नहीं कर पाएंगे जो एक बॉलीवुड हीरो को करने की जरूरत होती है। लेकिन अब रितिक इस पर एक किताब लिख सकते हैं कि अपनी नियति कैसे बदली जा सकती है।

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