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अमेरिकी स्कूलों में सिख छात्रों का बड़े पैमाने पर होता है उत्पीड़न, नई रिपोर्ट में खुलासा

इस रिपोर्ट को अमेरिका में नौ से 18 साल की उम्र के 2,000 से अधिक सिख छात्रों की राय लेकर तैयार किया गया है। सर्वे में पाया गया कि 78 प्रतिशत छात्रों को स्कूलों में धमकी भरे व्यवहार का सामना करना पड़ा।

सिख कोएलिशन की लेटेस्ट नेशनल सिख स्कूल क्लाइमेट रिपोर्ट में चौंकाने वाले दावे किए गए हैं। /

अमेरिका के स्कूलों में सिख छात्रों के साथ बड़े पैमाने पर भेदभाव होता है और उन्हें उत्पीड़न व चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। अमेरिका में सिखों के सबसे बड़े नागरिक अधिकार संगठन सिख कोएलिशन ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यह दावा किया है। 

संगठन ने अपनी नवीनतम नेशनल सिख स्कूल क्लाइमेट रिपोर्ट "Where Are You Really From?" में सिख बच्चों के साथ अमेरिका के स्कूलों में होने वाली बुलीइंग (बदमाशी) और चुनौतियों को उजागर किया है।



इस रिपोर्ट को अमेरिका में नौ से 18 साल की उम्र के 2,000 से अधिक सिख छात्रों की राय के आधार पर तैयार किया गया है। इन बच्चों पर सर्वे में पाया गया कि 78 प्रतिशत छात्रों को स्कूलों में धमकी भरे व्यवहार का सामना करना पड़ा। हालांकि केवल 49 प्रतिशत ने ही स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें धमकाया गया था।

रिपोर्ट के अनुसार, पगड़ी बांधने वाले या फिर दस्तार या पटका पहनने वाले सिख छात्रों को ज्यादा परेशान किया जाता है। सर्वे में 77 प्रतिशत सिख छात्रों ने कम से कम एक बार बदमाशी का अनुभव करने की बात बताई। चिंता की बात ये है कि सिख छात्रों को स्कूल स्टाफ से भी अक्सर बुलीइंग और भेदभाव का सामना करना पड़ता है। 11 फीसदी सिख छात्रों ने स्कूलों में वयस्कों से भेदभाव का अनुभव किया।

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि धमकाने की इन घटनाओं की रिपोर्ट करने में सिख छात्रों को अक्सर निष्क्रियता का सामना करना पड़ता है। 74 प्रतिशत छात्रों ने माना कि उन्हें स्कूलों में ऐसी घटनाओं की रिपोर्टिंग प्रक्रिया की जानकारी है। हालांकि सिर्फ 46 प्रतिशत का कहना था कि उन्होंने कभी ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट नहीं की। 

रिपोर्ट के अनुसार, रिपोर्ट करने में सिख छात्रों की अनिच्छा की वजह उस पर कार्रवाई न किया जाना हो सकता है। लगभग 63 प्रतिशत छात्रों ने कहा कि शिक्षक या कर्मचारी भी अपने सामने बदमाशी होते देखकर कुछ हस्तक्षेप नहीं करते हैं।

सिख कोएलिशन ने पूरे देश में सिख युवाओं के लिए स्कूली माहौल की व्यापक समझ हासिल करने के लिए कैलिफोर्निया रिसर्च पार्टनर कविता कौर अटवाल और रिसर्च कंसल्टेंट एरिन नाइट की मदद से यह सर्वे कराया है। रिपोर्ट की प्रमुख लेखिका सिख कोअलिशन की सामुदायिक विकास निदेशक रुचा कौर हैं। 

संगठन ने सिख छात्रों का उत्पीड़न रोकने के लिए संघीय और राज्य सरकार के अधिकारियों, स्कूल प्रशासकों और शिक्षकों के लिए 60 से ज्यादा सिफारिशें की हैं। इनमें धार्मिक उत्पीड़न रोकने के लिए स्कूलों में आचार संहिता अपनाना, स्कूल में बदमाशी रोकना, पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर बदमाशी करने में अंतर पहचानने और स्कूली कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने पर जोर दिया गया है।  

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